For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाल साहित्य Discussions (213)

← Back to बाल साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

प्रॉमिस ( बालकथा )

" बेटा चीनू ! उठो, स्कूल का समय हो रहा है ।" " नहीं , सोने दो माँ ! मुझे नहीं जाना स्कुल-विस्कुल ।" " मेरे राजा बेटा, जिद नहीं करते ।स्कू…

Started by shashi bansal goyal

1 Jul 6, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

चन्दा - सूरज

चन्दा - सूरज -------------- माँ सूरज बाबा इतने लाल क्यों कह दो इनसे क्रोध ?अच्छी बात नही ताप से खुद भी जलते औरों को भी जलाते ताल तलैया खेती…

Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

0 Jul 5, 2015

सदस्य टीम प्रबंधन

चिड़िया की सीख (बाल-गीत) // --सौरभ

बच्चो आओ, तुम्हें बतायें - सीखी चिड़िया क्या बन्दर से ! किसी पेड़ पर चिड़िया का था एक घोंसला छोटा-सुन्दर चीं-चीं करते बच्चे उसके साफ-सफाई…

Started by Saurabh Pandey

12 Jul 2, 2015
Reply by Saurabh Pandey

शांति निकेतन का जंगल राज्य (बाल कथा)

नंदन वन के अरण्य में एक छोटा सा वन है- ‘शांति निकेतन’ यथा नाम तथा गुण। चारो तरफ शांति ही शांति। वहां का राजा था- बब्बर शेर जिसका नाम हरि ओम…

Started by Dr. Madhumati Namdeo

2 Jul 1, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

लाला जी की लाल लंगोट

लाला जी की लाल लंगोट मेंखटमल था एक लाल काट काट कर लाला जी को उसने किया बेहालगोल मटोल लाला जी गुस्से से हो गए लाल पीला चिल्ला कर पत्नी को आव…

Started by Neeraj Neer

0 May 5, 2015

लालटेन

लालटेन मेरी रात की साथी, जलती है इसमें एक बाती. घासलेट से जलती है ये, बङी ही प्यारी लगती हैं ये. इसकी रोशनी में पढ़ता हूँ, इसकी रोशनी में…

Started by shree suneel

0 Apr 9, 2015

मीठा पानी , मीठा पन , खारा पानी , खारा पन ,

मीठा पानी , मीठा पन , खारा पानी , खारा पन , पानी पानी भरा समुन्दर, फिर भी प्यासा रहा समुन्दर , खारा पानी , बड़ा समुन्दर , नदियां दौड़ी दौड़…

Started by Dr. Vijai Shanker

0 Feb 15, 2015

उसके मुखड़े पे तो ,एक अलग आस थी

एक सफ़र था मेरा , जिसमें वो साथ थी मैं अकेला था पर , वो बाप के साथ थीएक नवेली किरन ,खुद में थी वो मगनउसे देखकर देखो, झूमे धरती गगनवहां सब खा…

Started by maharshi tripathi

0 Dec 5, 2014

बालगीत

..........बालगीत ........... उछल पड़े जब  बंदर मामा भौचक्का  हैं  अपने नाना देख के   भागी  बूढ़ी ताई दांत निपोरे और ले अंगड़ाई बंटी डॉगी   भा…

Started by anand murthy

1 Nov 15, 2014
Reply by Shyam Narain Verma

स्‍वर आभूषण से सजते हैं हर व्‍यंजन

अ से अनार, आ से आम इ से इमली, ई से ईख ऐसे स्‍वर को सीख। उ से उल्‍लू, ऊ से ऊन ए से एक ऐ से ऐब शब्‍दों से भर लो तुम जेब।   ओ से ओखली औ से और…

Started by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul'

0 Oct 13, 2014

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service