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माँ रेवा (नर्मदा) स्तुतिमाँ रेवा (नर्मदा) स्तुति विंध्य सुता गिरी विंध्य बहो तुम सुन्दर मोहक वंदित रेवा शब्द किलोलित धार लिए मृदु नीर प्रवाह तरंगित रेवा पाप नसावत… Started by SANDEEP KUMAR PATEL |
0 | Jul 10, 2012 |
भगवान् भोलेनाथ के श्री चरणों में एक वंदना है मत्तगयन्द सवैया के रूप मेंप्रथम सावन सोमवार पर भगवान् भोलेनाथ के श्री चरणों में एक वंदना है मत्तगयन्द सवैया के रूप में जिसमे सात भगण अंत में दो गुरु हैं २३ वर्ण है… Started by SANDEEP KUMAR PATEL |
0 | Jul 9, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन हे परमेश्वर!हे परमेश्वर! (21-03-2012) हे परमेश्वर, हे सर्वेश्वर सुन मेरे अन्तः क्रंदन स्वर..... नेह तेरा बस प्यास मेरी है आँखों से नदियाँ बहती हैं… Started by Dr.Prachi Singh |
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Jul 4, 2012 Reply by Rekha Joshi |
अद्वित्तीय देव गणेशअद्वित्तीय देव गणेश जय गणेश देवा तेरी अद्भुत कहानी दाये बाए रिद्धि सिद्धि दो दो रानी कोई नहीं है देवलोक में तेरा सनी कहा… Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला |
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Jun 27, 2012 Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला |
श्री गणेश आराधनाप्रथम पूज्य भगवान मेरीस्वीकार करो आराधना,बहुत हुए पाप मुझसेअब हो कोई अपराध ना| तुम ही जग को पालनेवालेपार्वती शंकर के दुलारे,जो आया शरण में… Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
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Jun 26, 2012 Reply by कुमार गौरव अजीतेन्दु |
एक नूर से सब जग उपजेएक नाम ,एक ओमकार ,एक ही ईश्वर और हम सब उस परमपिता की संतान है जिसने हमे इस दुनिया में मनुष्य चोला दे कर भेजा है और धर्म एक जीवन शैली का नाम… Started by Rekha Joshi |
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Jun 25, 2012 Reply by Rekha Joshi |
शारदे , शारदे, शारदे, शारदेमुक्तक (२० मात्रा {४ "SIS " } ) शारदे , शारदे, शारदे, शारदे, भग्वती शारदे ,पर्वती शारदे दिव्य है शारदे ,भव्य है शारदे तू शिवानी शिवे, मात… Started by SANDEEP KUMAR PATEL |
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Jun 23, 2012 Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
तेरे चरणों की रज महानतेरे चरणों की रज महान ================= तेरे चरणों की रज महान, मैया करती जगत कल्याण महा मूरख और अज्ञानी तेरी महिमा म… Started by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
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Jun 23, 2012 Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA |
१२ सदाशिव ज्योतिर्लिंगों का सक्षिप्त वर्णन१२ सदाशिव ज्योतिर्लिंगों का सक्षिप्त वर्णन कैलाश पर्वत पर भगवन शिव और पार्वती निवास करते है |इसलिए यह अति पवित्र स्थान माना जाता है… Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला |
0 | Apr 21, 2012 |
धर्म एक बस अग्नि धर्म है/जो आवे सो क्षार|आज पहली बार मैंने इस मंच पर भी अपनी प्रवृत्ति के अनुरूप चर्चा करने का विचार किया है|वर्तमान समय में सनातन मूल्यों में स्खलन चरम पर है|वैदिक… Started by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' |
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Apr 10, 2012 Reply by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' |
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