For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साथियो,

निर्णायक मंडल ने निर्णय लिया है कि अभी हाल ही में संपन्न "चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता" अंक १८ में सम्मिलित कोई भी रचना पुरस्कार योग्य नहीं पाई गई. अत: इस बार किसी भी रचना को नकद पुरस्कार अथवा प्रशस्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है.   

सादर
योगराज प्रभाकर  
(प्रधान सम्पादक)

Views: 1075

Replies to This Discussion

आदरणीय प्रधान सम्पादक महोदय,

यह तो बहुत ही शोचनीय बात है, कि एक भी प्रविष्टि निर्णायक मंडल के सुगढ़ मापदंडों पर खरी नहीं उतरी.
इस निर्णय के बाद तो मंच से जुड़े सभी लेखकों व रचनाकारों की जिम्मेवारी बहुत बढ़ जाती है, सबको यह समझना होगा कि इस साहित्यिक मंच की अपेक्षाओं के अनुरूप अपनी रचनाओं को उन्नत कैसे किया जाए... 
परन्तु इसके साथ ही मंच इस हेतु बधाई का पात्र है कि किसी भी हाल में यहाँ प्रतियोगिता की गरिमा व पुरूस्कार की हकदार रचनाओं के स्तर के साथ समझौता नहीं किया गया.  इस ऐतिहासिक निर्णय हेतु निर्णायक मंडल को हार्दिक शुभकामनाएं संप्रेषित हैं. 
सादर.

पंचों का फैसला सर आँखों पर, यह भी परीक्षा की घडी है अब सभी को ज्यादा गंभीरता से लेकर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है | फिर भी जो सर्वधिक प्रशंसनीय रही हो, होंसला अफजाई हेतु मात्र जानकारी कराई जावे जो उचित होगा (यह समझो यह प्रतियोगिता नहीं थी)

यह फैसला  हर रचनाकार के दायित्व को और बढ़ाता है! इससे हमें सीखना होगा कि  रचनाओं की मात्रा महत्वपूर्ण नही है, उनकी योग्यता महत्वपूर्ण है! फैसले का सादर स्वागत!

निर्णायक मंडल का फैंसला सर आँखों पर रचनाकारों का उत्तरदायित्व और बढ़ गया है आभार एवं भविष्य के लिए शुभकामनाएं 

श्रीमान नीरज जी, 
आपकी उपरोक्त टिप्पणी के बारे में निम्नलिखित स्पष्टीकरण चाहता हूँ ...
१- निर्णायक मंडल पर प्रश्न किस अधिकार से उठा रहे हैं ?
२- क्या ऐसा कर के आप निर्णायक मंडल का अपमान नहीं कर रहे हैं ?
३- आपको भारतीय छंदों और उसके मापदंडों की कितनी समझ है ? 
४- आपकी इस मंच पर प्रस्तुत अबतक की छंद रचनाओं तथा अन्य रचनाकारों की छंदबद्ध रचनाओं पर आपकी प्रतिक्रियाओं और मंतव्यों को देख कर यह स्पष्ट है कि आपको छंदों और उसके मापदंडों का न्यूनतम ज्ञान है, तो फिर इस तरह का प्रश्न क्यों न अनुशासनहीनता का द्योतक समझा जाये ?
५- क्या इस तरह का प्रश्न उठाकर आप इस मंच पर भ्रम का माहौल नहीं फैला रहे हैं ? 
६- किसी व्यक्ति विशेष की रचनाओं में कमियों को क्यों जानना चाहते हैं ? छंद सीखने के लिये प्रतियोगिता से बाहर अन्य रचनाएँ भी हैं. 
कृपया उपरोक्त बिन्दुओं पर अपना स्पष्टीकरण २४ घंटे के अन्दर दें, अन्यथा समझा जायेगा कि आप किसी साजिश के तहत ओ बी ओ कि गरिमा से खिलवाड़ करने का प्रयत्न कर रहे हैं. २४ घण्टे में आपकी उत्तर प्राप्ति या उत्तर की न प्राप्ति पर इस तथ्य की सच्चाई को ज्ञात करने का प्रयास किया जायेगा. तदोपरान्त ही आपकी इस मंच पर सदस्यता पर विचार किया जायेगा |

एडमिन 
ओपन बुक्स ऑनलाइन

आदरणीय नीरज जी, ओ बी ओ से आज तक जुड़े रहने हेतु बहुत बहुत आभार । 

"चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता" के १७ महीने तक बेहतरीन माहौल के बावजूद अंक १८ में सम्मिलित कोई भी रचना पुरस्कार योग्य नहीं पाई गई, यह इवेन्ट में शामिल सदस्यों के लिए आत्मावलोकन का वक्त है
जब लोग अपने मंच और प्रस्तुतियों को सर्वश्रेष्ठ घोषित करने में जी जान से जुटे होते हैं ऐसे में ओ बी ओ प्रबंधन के इस निर्णय की जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है |
एक बात यह भी है कि ७ कार्यकारिणी सदस्य + ५ प्रबधन टीम + ३ पिछले विजेता = १५ लोगों की रचनाओं का प्रतियोगिता में न रखा जाना भी ऐसा निर्णय लिए जाने का बड़ा कारण हो सकता है | छंद में सक्रिय लोग कम हैं और एक स्थाई निर्णायक समिति बन चुकी है तो नियमों पर पुनः विचार करने की आवश्यकता भी महसूस हो रही है |

सादर

वीनसजी, आपकी व्यावहारिक सोच और निर्णायक मण्डल के साहसिक ही नहीं ऐतिहासिक निर्णय पर आपके सकारात्मक विचारों से हम सभी लाभान्वित हुए हैं.

वस्तुतः, इस प्रतियोगिता-सह-आयोजन में ’प्रतियोगिता से बाहर’ और ’प्रतियोगिता में सम्मिलित’ रचनाओं के मध्य बहुत बड़ा अंतर स्पष्ट दिखने लगा है. जो प्रतिभागी अपनी रचनाएँ प्रतियोगिता में सम्मिलित कर सकते हैं, वे भी अपनी कई रचनाएँ ’प्रतियोगिता से बाहर’ रखने की कोशिश करते हैं. इससे प्रतियोगिता में सम्मिलित रचनाओं की वास्तविक संख्या वैसे भी कम हो जाती है और इसका प्रभाव निर्णय पर दीखता है.

जहाँ तक प्रबन्धन समिति और कार्यकारिणी के सदस्यों की रचनाओं को सम्मिलित न करने का प्रश्न है तो आप भी समझ सकते हैं कि ऐसा किया जाना क्यों आवश्यक है.

वीनसभाई, आप भी जानते हैं कि इस प्रतियोगिता-सह-आयोजन ’चित्र से काव्य तक’ का मुख्य उद्येश्य मात्र पुरस्कार या सनद वितरण न हो कर नव हस्ताक्षरों और अन्यान्य रचनाकारों के मन में शास्त्रीय छंदों के प्रति जागरुकता तथा सकारात्मक सोच पैदा करना है. आप भी मानियेगा कि आज जब तथाकथित ’मुख्य धारा’ के कई-कई स्वनामधन्य रचनाकार छंदों के प्रति अन्यमनस्क ही नहीं निराश जैसे हो गये हैं, भाव-संप्रेषण के नाम अतुकांत शाब्दिक रचनाओं का प्रस्तुतिकरण मात्र, वह भी व्याकरण के दृष्टिकोण से हीन, रह गया हो, ओबीओ का प्रयास इस नैराश्य के विरुद्ध अदम्य साहस का द्योतक है. आज के अधिकांश युवा रचनाकारों में रचना लेखन के प्रति आवश्यक ललक तो है, परन्तु, उनमें स्वाध्याय तथा आवश्यक मशक्कत के प्रति आलस का भाव व्याप्त है. यह माहौल हर उस क्षेत्र में है जहाँ की विधाओं में वर्णिक या मात्रिक या पंक्तियों में अनुशासनिक समझ विकसित करना आवश्यक हुआ करती है. चाहे वह विधा नवगीत ही क्यों न हो.  चूँकि यह एक अलहदा विषय है अतः इस पर किसी अन्य थ्रेड पर चर्चा हो तो अधिक उचित होगा.

सधन्यवाद.

हालांकि व्यस्तता के कारण में आयोजन सह प्रतियोगिता में सम्मिलित नहीं हो पाया,जिसका मुझे हार्दिक कष्ट है।किन्तु ओ.बी.ओ. निर्णायक मंडल का ऐतिहासिक निर्णय हमें अपने पुनर्वालोकन पर विवश कर देता है।क्या एक भी ऐसी रचना नहीं थी जिसे तृतीय पुरस्कार भी दिया जा सके?

सादर,

          साहित्य के इस अद्वितीय मंच पर योग्य रचना के अभाव में यह निर्णय बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.प्रतियोगिता में शामिल सभी रचनाकारों के लिए यह अपनी रचनाओं पर और अधिक ध्यान देने का वक्त है.  

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
4 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
7 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली अपने थीम के अनुरूप ही प्रस्तुत हुई है.  हार्दिक बधाई "
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली के लिए हार्दिक धन्यवाद.   यह अवश्य है कि…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी प्रस्तुति आज की एक अत्यंत विषम परिस्थिति को समक्ष ला रही है. प्रयास…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service