आदरणीय काव्य-रसिको,
सादर अभिवादन !
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार चौवनवाँ आयोजन है.
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ – 16 अक्तूबर 2015 दिन शुक्रवार से 17 अक्तूबर 2015 दिन शनिवार तक
इस बार गत अंक में से दो छन्द रखे गये हैं - रोला छन्द और कुण्डलिया छन्द.
हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.
इन दोनों छन्दों में से किसी एक या दोनों छन्दों में प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द रचना करनी है.
इन छन्दों में से किसी उपयुक्त छन्द पर आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.
रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो दोनों छन्दों में रचनाएँ प्रस्तुत हों. केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.
[प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है]
जैसा कि विदित ही है, छन्दों के विधान सम्बन्धी मूलभूत जानकारी इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
रोला छ्न्द की मूलभूत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
कुण्डलिया छन्द की मूलभूत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
********************************************************
आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 16 अक्तूबर 2015 से 17 अक्तूबर 2015 यानि दो दिनों के लिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...
विशेष :
यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.
मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
Tags:
Replies are closed for this discussion.
सच कहा है आदरणीया कान्ता रॉय जी मन में विश्वास हो तो फिर व्हील चेयर भी उसके लिए बाधा नहीं होती. सुन्दर प्रतिक्रिया से रचना का मान बढाने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार. सादर.
रोले में रच गीत, सुरों की छेड़ी सरगम
शब्दों में है जान, उभर कर आया है गम
घड़ दें सुन्दर छंद, आप तो बैठे ठाले
रकताले हैं धन्य, कहें ओ.बी.ओ वाले
वाह वाह
आदरणीय प्रभाकर जी सादर नमन, आपके रोले ने मेरी प्रस्तुति का बहुत मान बढाया है. इतनी सुंदर छंदात्मक प्रतिक्रिया के लिए आपका हृदयातल से आभार. सादर.
वाह वाह वाह !
आदरणीय अशोक भाईजी, इस रोला गीत में प्रदत्त चित्र निखर कर आया है. भावनाओं को सुन्दर और सार्थक शब्द मिले हैं.
दिलसे बधाई स्वीकारें आदरणीय
आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, मेरे रोला गीत पर किये प्रयास को आपकी वाह वाही से बल मिला है. रचनाकर्म सफल हुआ. आपका हृदयातल से आभार. सादर.
हार्दिक धन्यवाद आदरणीय अशोक भाईजी.
प्रदत्त चित्र पर बहुत सुन्दर मार्मिक रोला गीत लिखा है आ० अशोक जी भाव भी उभर कर आये हैं दिल से बधाई लीजिये |
आदरणीया राजेश कुमारी जी सादर, प्रस्तुत रचना को आपकी प्रतिक्रिया ने सफल किया है. आपका हृदयातल से आभार. सादर.
आदरणीय अशोक रक्ताले सर, बहुत ही शानदार रोला गीत हुआ है मुखड़ा सुन्दर बना है तीनों अंतरे भी चित्र को सार्थक करते और अत्यंत प्रभावकारी हुए है. आपने 'कुर्सी पहियेदार ' का बढ़िया प्रयोग किया है इस शानदार प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर, दो पंक्तियों की प्रतिक्रिया में आपने पूरी रचना की सुंदर और सुस्पष्ट व्याख्या कर दी है. आपका दिल से आभार. सादर.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |