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आध्यात्मिक चिंतन Discussions (77)

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प्रवाह ...मेरी शब्द यात्रा

प्रवाह ...मेरी शब्द यात्रा प्रवाह याने बहाव, जो एक निरंतरता का सूचक है.प्रवाह किसी भी बात के लिए हो सकता है चाहे वो विचारों के लिए हो या फ…

Started by Veena Sethi

3 May 21, 2014
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

धर्म समाज और हम

         धर्म...जब हम धर्म की बात करते हैं तो धर्म की अनेकों अवधारणाये उभर कर आतीं हैं सम्प्रदाय और कर्मकाण्ड पर दृष्टि जाती है,लेकिन धर्म…

Started by Vindu Babu

5 May 21, 2014
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

Does consciousness expand ?

                                                   DOES CONSCIOUSNESS EXPAND ?     Does consciousness expand? If so, how? For sometime thi…

Started by vijay nikore

2 May 21, 2014
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

गीता का द्वितीय अध्याय :: एक अनुशीलन

          गीता के द्वितीय अध्याय का प्रारंभ  अर्जुन के उदार एवं वदान्य चरित्र  के प्राकट्य से हुआ है I कौरव सेना पर आक्रमण  करने की असमर्थत…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Nov 28, 2013

मनुष्य जीवन में ईश्वर का महत्व

मनुष्य जीवन से हमारा तात्पर्य है, मनुष्य के पैदा होने से मृत्यु तक का समय । ईश्वर के महत्व को समझने के पहले यह समझना जरुरी है कि ईश्वर क्या…

Started by Dr Dilip Mittal

0 Nov 27, 2013

MY SPIRITUAL DIARY ...2

                           MY  SPIRITUAL  DIARY ...2 This is the second article based on recent meetings with Swami Sarvdevananda ji, a…

Started by vijay nikore

3 Nov 15, 2013
Reply by Vindu Babu

SUCCESS

                                                                                            SUCCESS     Success ... simply said, it is at…

Started by vijay nikore

7 Nov 13, 2013
Reply by विजय मिश्र

!!! भजन !!!

!!! भजन !!! विशनु सी बंशी वाला, मुरली मनोहर लाला!बंशी ने हरा मेरा मान, कान्ह मैं तेरा गुलाम।। तान त्रिपुरारी सोहे, बम-बम-बम हर-हर बोले।आय…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'

7 Oct 24, 2013
Reply by केवल प्रसाद 'सत्यम'

Vivekananda House, South Pasadena, California, USA

During our pilgrimage to the various shrines of The Ramakrishna Mission in July-August, we had the privilege of being at the very house wh…

Started by vijay nikore

0 Oct 14, 2013

MY SPIRITUAL DIARY

                                       MY  SPIRITUAL  DIARY ... 1   The following notes are based on a meeting on July 27, 2013 with Swami…

Started by vijay nikore

1 Sep 26, 2013
Reply by Vindu Babu

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"मनहरण घनाक्षरी _____ निवृत सेवा से हुए अब निराली नौकरी,बाऊजी को चैन से न बैठने दें पोतियाँ माँगतीं…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी * दादा जी  के संग  तो उमंग  और   खुशियाँ  हैं, किस्से…"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
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"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
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"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
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"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
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Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
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