For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Mumtaz Aziz Naza
  • Female
  • Mumbai, Maharashtra
  • India
Share on Facebook MySpace

Mumtaz Aziz Naza's Friends

  • राज़ नवादवी
  • Rajiv Gupta
  • aashukavi neeraj awasthi
  • Gyanendra Nath Tripathi
  • Tapan Dubey
  • Er. Ambarish Srivastava
  • ASHVANI KUMAR SHARMA
  • GAUTAM ARORA
  • Hilal Badayuni
  • Arvind Chaudhari
  • chetan prakash
  • Saurabh Pandey
  • Rajendra Singh kunwar 'Fariyadhi
  • Manoj Kumar Jha
  • Pankaj Trivedi

Mumtaz Aziz Naza's Groups

 

Mumtaz Aziz Naza's Page

Latest Activity

Mumtaz Aziz Naza replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-136
"मैं माफी चाहूंगी, लेकिन इस मिसरे की बहर है, "फ़ाअ फ़ऊलुन फ़अलुन फ़अलुन फ़अलुन फ़अलुन फ़ाइलतुन" शुक्रिया। "
Oct 28, 2021

Profile Information

Gender
Female
City State
Mumbai, Maharashtra
Native Place
Kanpur
Profession
Writer
About me
hai parwaaz meri jahanon se bartar

मेरे ब्लॉग पर स्वागत है

Mumtaz Aziz Naza's Blog

जीत

जो हौसला बलंद है नफस नफस कमंद है

हमारी हर ख़ुशी हमारे हौसलों में बंद है



वो बेकसी अतीत है यही हमारी जीत है

हर एक देशवासी के लबों पे ये ही गीत है



ये एकता मिसाल है हमारा ये कमाल है

वतन के लब पे आज भी मगर वही सवाल है



है कौन दूध का धुला अभी तलक नहीं खुला

अभी तक इस पियाले में ज़हर का घूँट है घुला



भरें सभी तिजोरियां हैं कैसी कैसी चोरियां

सुला रहे हैं हम ज़मीर को सुना के लोरियां

 

उठो के वक़्त आ गया उठाओ हर क़दम…

Continue

Posted on April 9, 2011 at 1:00pm — 2 Comments

Comment Wall (14 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:29pm on April 11, 2011, GAUTAM ARORA said…
namaskar, janm din mubarak
At 7:00pm on April 11, 2011, Er. Ambarish Srivastava said…
जनम दिन ये मुबारक हो रहे मुस्कान होठों पर.
खुशी बिखरे जहाँ जाओ नया हो गीत होठों पर.
जमाना संग में झूमे तेरी खुशियों में शामिल हम-
हजारों साल हो जीना यही अंदाज होठों पर ..
At 10:28am on April 11, 2011, Sanjay Rajendraprasad Yadav said…

 

आप के लिए

"जीवन में रहे उमंग  रहे वसंत  बहारो का वसेरा
घर आँगन में सदा रहे खुशियाँ नई प्रभा का हो सवेरा"
जन्मदिन के ढेर सारी बधाई................ 
At 9:44am on April 11, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY.....
At 8:55am on April 11, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 7:58am on April 11, 2011, nemichandpuniyachandan said…
Mohatarama,Mumtaz Aziz Naza, sahiba,adaab,aapke janm-din pe hardik abhinandan.
At 1:36pm on November 5, 2010, Admin said…
इन्तजार के पश्चात् आपकी रचना "गीत" "OBO लाइव महा इवेंट" मे पोस्ट कर दी गई है ,जिसे नीचे दिये लिंक पर देखा जा सकता है |
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-1?page=42&commentId=5170231%3AComment%3A31448&x=1#5170231Comment31448
At 7:21pm on November 3, 2010, Admin said…
आदरणीया मुमताज जी,
आपने जो "गीत" पोस्ट की वह दीपावली विषय पर आधारित है कृपया उसे "OBO लाइव महा इवेंट" मे पोस्ट कर दे, सुविधा हेतु लिंक नीचे दे रहा हूँ |
http://openbooksonline.com/forum/topics/obo-1

यदि पोस्ट करने मे समस्या हो तो नीचे दिया लिंक देखे...
http://openbooksonline.com/profiles/blogs/5170231:BlogPost:30313
At 4:44am on October 25, 2010, chetan prakash said…
आदरणीय मुमताज़ जी,
लगभग एक माह बाद यहाँ आया हूँ. हाल फिलहाल, बस यही अर्ज़ है है किमुझे अपने मित्र-मंडली में यहाँ भी शामिल करें. शुभ प्रभात! साभार,
At 7:41pm on September 24, 2010, chetan prakash said…
मोहतरमा मुमताज़, आपको यहँ| पाकर बहुत अच्छा लगा.
ऐसा एहसास हुआ, मानो पराये देश में कोई अज़ीज़ मिल गया.
इस्तकबाल में क्या कहूं , कुछ सूझ नही रहा है. शेष फिर कभी.
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
19 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service