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यूँ तो अपना था वो कहने को
पर वो अपना हो ऐसा एहसास कहाँ,
उनके दिल में उतर कर देखा जो ख़ुद को
तो जाना उनके दिल में अपना ठौर कहाँ,
ख़ुद तजुर्बा ये मैने है पाया
इस दुनिया में वफ़ा का मोल कहाँ,
झूठे वादों पर चलती है दुनिया
सच का तो अब है मौन यहाँ,
यूँ तो अपना था वो कहने को
पर वो भी अपना हो ऐसा एहसास…
Posted on August 2, 2021 at 11:30pm — 12 Comments
Posted on March 5, 2018 at 10:16pm — 2 Comments
Posted on October 5, 2017 at 1:30pm — 5 Comments
एक ख्वाहिश पूरी कर दे तू इबादत के बगैर
वो आ कर गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर
ऐ खुदा हुस्न और दौलत तो तेरी कुदरत है
मैं मानूँ अगर वो अपना ले मुझे इनके बगैर
बोल कर इज़हार क्यों करूँ अपने इश्क़ का
मैं मानूँ अगर वो जान जाये इशारे किए बगैर
यूँ तो आदत नही किसी को देखूं मुड़ कर
पर दिल करता है देखूं तुझे पलकें गिरे बगैर
शौक लगा उसी दिन मुहब्बत का मुझे यारों
दिल खो गया था जिस दिन खोये बगैर
कोई उम्मीद,दिलासा दे दे मुलाकात…
ContinuePosted on October 1, 2017 at 10:26pm — 4 Comments
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