For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बृजमोहन स्वामी 'बैरागी'
  • Male
  • rajasthan
  • India
Share on Facebook MySpace
  • Feature Blog Posts
  • Discussions
  • Events
  • Groups (3)
  • Photos (2)
  • Photo Albums
  • Videos

बृजमोहन स्वामी 'बैरागी''s Friends

  • Manisha Joban Desai
  • शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"
  • Gurpreet Singh jammu
  • गिरिराज भंडारी
  • Dr.Prachi Singh
  • Monika Jain

बृजमोहन स्वामी 'बैरागी''s Groups

 

welcome ! Its Brijmohan Swami. नमस्कार!! आप इस वक़्त बृजमोहन स्वामी 'बैरागी' की साहित्य कुटिया में पधारे हैं। हिंदी के सबसे छोटे बेटे, बृजमोहन स्वामी 'बैरागी' हिंदी और राजस्थानी प्रखर लेखक हैं।

Profile Information

Gender
Male
City State
नोहर, हनुमानगढ़ (राजस्थान)
Native Place
बरवाळी नोहर
Profession
कवि बृजमोहन स्वामी "बैरागी' की साहित्य झोंपड़ी में आपका स्वागत है। वर्तमान कार्य - अध्यापक, जीव विज्ञान संकाय
About me
ब्रह्माण्ड एक शून्य प्रक्रिया है।

कवि बृजमोहन स्वामी 'बैरागी' जी को अब आप विकिपीडिया (Wikipedia) फाउंडेशन की धरोहर में देख सकते हैं।

काव्य और विचार-------------------------स्वामी जी ने वर्तमान प्रगतिवादी साहित्यिक धारा को यतार्थवाद से जोड़कर काव्य लिखा है।पाश्चात्य और प्राचीन हिंदी लेखकों दोनों का ही इन पर गहरा प्रभाव पड़ा है। एक कविता का उध्दरण देखिये-,"धुंधले पन्रो के मिटते आखरों में ढूंढ रहा हूँ जीवन जोत की अनुपम लौ। और ढूंढते ढूंढते मिल गई मुझे अलमारी में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविताएँ।"

बृजमोहन स्वामी 'बैरागी''s Photos

  • Add Photos
  • View All

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!

बृजमोहन स्वामी 'बैरागी''s Blog

सलमान खान मर चुका है !

आत्महत्या

के कई ख्याल,

मेरे दिमाग में आते है

उस तरह

जैसे बच्चों को को अपने खिलौनों के आते है।

खुद को

बौना महसूस करता हूँ

हर उस सेकण्ड

जब भी जीवन-मृत्यु के चक्र के

बीच

देखता हूँ इतिहास में मरे हुए लोग।

बना रहा था

एक चित्र,

मोनालिसा की बहन का/

और

मेरी होने वाली बेटी को पीले रंग के ब्रश से प्यार है।

इस वक़्त

हमारे घर के एकमात्र टीवी में

बना हुआ था माहौल/ इटली के भूकंप का।

टीवी की धारारेखीय शक्ल ने… Continue

Posted on April 16, 2017 at 8:45am — 5 Comments

रेंगती मौत : आधी कविता

चला जाता हूँ/

उस सड़क पर

जहां लिखा होता है-

"आगे जाना मना है।"



मुझे

खुद के अंदर

घुटन होती है

मैं समझता हूँ

लूई पास्चर को,

जिसने बताया की

करोड़ों बैक्टिरिया हमें अंदर ही अंदर खाते हैं

पर वो लाभदायक निकलते है

इसलिए

वो मेरी घुटन के जिम्मेदार नही हैं



कुछ और है जो मुझे खाता है/

चबा-चबा कर।

आपको भी खाता होगा कभी शायद

नींद में/जागते हुए/ या रोटी को तड़फते झुग्गी झोंपड़ियों के बच्चों को निहारती आपकी आँखों… Continue

Posted on April 13, 2017 at 3:01pm — 10 Comments

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service