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Md. Anis arman
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Md. Anis arman's blog post ग़ज़ल
"आ. भाई अनीस जी, अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Jan 1, 2024
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Md. Anis arman's blog post ग़ज़ल
"उम्दा ग़ज़ल कही ज़नाब अनीस जी...बधाई"
Dec 30, 2023
Samar kabeer commented on Md. Anis arman's blog post ग़ज़ल
"जनाब अनीस अरमान जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें I  "
Dec 19, 2023
Md. Anis arman posted a blog post

ग़ज़ल

लगता है मेरे प्यारों को पैसा है मेरे पाससच्चाई पर यही है कि क़र्ज़ा है मेरे पासए सी की रहने वाली तू मत प्यार कर मुझेआवाज़ करता छोटा सा पंखा है मेरे पासमुझसे बिछड़ के जूड़ा बनाती नहीं है अबवो लड़की जिसका आज भी गजरा है मेरे पासपापा ये मुझ से कहते हुए रो पड़े थे कलकितने दिनों के बाद तू बैठा है मेरे पाससाया दिया था मैंने कड़ी धूप में जिसेअब सिर्फ़ उसकी याद का साया है मेरे पासअब मीठी बातें छोड़ भी मुद्दे पे आ ज़रातू किस ग़रज़ से चल बता आया है मेरे पासनफ़रत के दौर में यहाँ मुझको सुनेगा कौनअम्न ओ अमान प्यार का…See More
Nov 23, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीया रचना जी बहुत बहुत शुक्रिया "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब रवि शुक्ला जी बहुत बहुत शुक्रिया "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब दिनेश जी बहुत बहुत शुक्रिया "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब समर कबीर साहब बहुत बहुत शुक्रिया "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"जनाब शिज्जु शकूर जी बहुत बहुत शुक्रिया "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय दिनेश जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीया रचना जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अजय जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय रवि शुक्ला जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय गजेंद्र जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय अशोक जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई "
May 27, 2023
Md. Anis arman replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आदरणीय नीलेश जी बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई "
May 27, 2023

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Gender
Male
City State
sakti chhattisgarh
Native Place
sakti
Profession
business
About me
i m simple man

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ग़ज़ल

लगता है मेरे प्यारों को पैसा है मेरे पास

सच्चाई पर यही है कि क़र्ज़ा है मेरे पास

ए सी की रहने वाली तू मत प्यार कर मुझे

आवाज़ करता छोटा सा पंखा है मेरे पास

मुझसे बिछड़ के जूड़ा बनाती नहीं है अब

वो लड़की जिसका आज भी गजरा है मेरे पास

पापा ये मुझ से कहते हुए रो पड़े थे कल

कितने दिनों के बाद तू बैठा है मेरे पास

साया दिया था मैंने कड़ी धूप में जिसे

अब सिर्फ़ उसकी याद का साया है मेरे पास

अब…

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Posted on November 23, 2023 at 12:39pm — 3 Comments

ग़ज़ल

होते न अगर मौला समंदर तेरे खारे

अब तक इसे पी जाते सभी प्यास के मारे

कम गिनती में पड़ जाएँ फ़लक के ये सितारे

दिखला दिए  हमने जो कभी ज़ख़्म हमारे

मैं ख़ुद को फँसा  लेता हूँ तूफ़ान में और फिर

तूफ़ाँ ही मेरी कश्ती…

Continue

Posted on December 12, 2021 at 8:30pm — 4 Comments

ग़ज़ल

22, 22, 22, 22,

1)कितनी बातें करते हो तुम

ख़ाली बातें करते हो तुम

2)तुमको कोई मरज़ है क्या बस

अपनी बातें करते हो तुम

3) सीधा बंदा हूँ क्यों मुझसे

उल्टी बातें करते हो तुम

4)छुप कर मिलने क्यों आऊँ मैं

ख़ाली बातें करते हो तुम

5)होने लगता है कुछ दिल में

जब भी बातें करते हो तुम

6) चाँद सितारों से क्या अब भी

मेरी बातें करते हो…

Continue

Posted on October 7, 2021 at 8:42pm — 6 Comments

ग़ज़ल

2122, 2122, 2122



1)कर लिया हमने ख़सारा दो मिनट में

हो गया दिल ये पराया दो मिनट में

2)उम्र उसकी राह तकते कट गई है

आ रहा हूँ कह गया था दो मिनट में

3)थी उसे जल्दी तो मैं भी कुछ न बोला

हाल उसको क्या सुनाता दो मिनट में

4)जिस्म कैसे साथ दे अब उम्र भर तक

पक रहा है आज खाना दो मिनट में

5)होती है नाज़ुक बहुत रिश्तों की डोरी

टूट जाता है भरोसा दो मिनट…

Continue

Posted on August 5, 2021 at 10:12am — 10 Comments

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"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
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