२२१२ २२१ २२२
जय हिन्द की आवाज़ सीमा पर
होगा समर आगाज़ सीमा पर
सुधरेंगे कब हालात सीमा पर
कबतक मरें जाबाँज सीमा पर
जारी रही यूँ सेंध दुश्मन की
बदलेंगे हम अल्फाज सीमा पर
कुर्बा किया है जान वीरों नें
रखकर वतन की लाज सीमा पर
काटेंगे सर-ओ-हाथ दुश्मनों की
पहना शरम का ताज सीमा पर
जबतक रहें यूँ वीर भारत में
तबतक करें हम नाज सीमा…
ContinueAdded by maharshi tripathi on January 10, 2016 at 6:20pm — 6 Comments
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