ग़ज़ल
2122 2122 2122 212
याद करे दुनिया तुझे ऐसी निशानी छोड़ जा,
जोश भर दे जो सभी में वो जवानी छोड़ जा।
नाम पर तेरे कभी कोई उदासी हो नहीं,
प्यार से भरपूर कुछ यादें सुहानी छोड़ जा।
देश की खातिर लुटाओ जान अपनी शान से,
हर किसी की आँख में दो बूँद पानी छोड़ जा।
हो भरोसा हर किसी को तेरी बातों पर सदा,
देश हित की प्रेरणा दे वो बयानी छोड़ जा।
मौत आतीे है सभी को देख ‘‘मेठानी’’ यहां,
गर्व हो अपनाें को कुछ ऐसी…
Added by Dayaram Methani on January 16, 2015 at 9:55am — 16 Comments
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