Added by अमि तेष on March 29, 2011 at 1:00pm — 4 Comments
Added by अमि तेष on March 26, 2011 at 12:51am — 2 Comments
Added by अमि तेष on March 13, 2011 at 7:30pm — 3 Comments
अपने औदें पर इतना अक़ड़ता क्यूं हैं
तू बात बात पर यूं बिगड़ता क्यूं हैं
क्या संसद का पानी पी आया हैं
तू बार बार यूं रंग बदलता क्यूं हैं
लिबास तो बड़ा ही सफ़्फ़ाख है…
Added by अमि तेष on March 4, 2011 at 3:30pm — 4 Comments
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