सुधीजनो,
तोटकाचार्य आदिशंकर के प्रथम चार शिष्यों में से थे. ’आचार्यदेवोभव’ सूत्र के प्रति अगाध भक्ति के माध्यम से समस्त ज्ञान प्राप्त कर आप आदिशंकर के अत्यंत प्रिय हो गये. आगे, आदिशंकर ने बद्रीनाथधाम की स्थापना कर आपको वहीं नियुक्त किया था.
तोटकाचार्य विरचित तोटकाष्टकम् --इसे श्रीशंकरदेशिकाष्टकम् भी कहते हैं-- दुर्मिल वृत्त में है.
तोटकाष्टकम् का आधुनिक वाद्यों के साथ समूह-गान प्रस्तुत…
ContinueAdded by Saurabh Pandey on March 16, 2013 at 11:30am — 12 Comments
आज दि. 03/ 03/ 2013 को इलाहाबाद के प्रतिष्ठित हिन्दुस्तान अकादमी में फिराक़ गोरखपुरी की पुण्यतिथि के अवसर पर गुफ़्तग़ू के तत्त्वाधान में एक मुशायरा आयोजित हुआ. शायरों को फिराक़ साहब की एक ग़ज़ल का मिसरा --तुझे ऐ ज़िन्दग़ी हम दूर से पहचान लेते हैं-- तरह के तौर पर दिया गया था जिस पर ग़ज़ल कहनी थी. इस आयोजन में मेरी प्रस्तुति -
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दिखा कर फ़ाइलों के आँकड़े अनुदान लेते हैं ।
वही पर्यावरण के नाम फिर सम्मान लेते हैं ॥
निग़ाहें भेड़ियों के दाँत सी लोहू*…
ContinueAdded by Saurabh Pandey on March 3, 2013 at 8:00pm — 65 Comments
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