लाल ललाम ललाट लिए,
ललि लागत है ललना अति गोरी,
गाल गुलाल गुबार गुमा,
गम गौण गिनावत है यह होरी,
नाच नचावत नाम…
ContinueAdded by Ashok Kumar Raktale on March 22, 2013 at 10:44pm — 7 Comments
राग-रागिणी प्रेम की, उन्नत भ्रष्टाचार,
बहलाए फुसलाय के, देती माँ आहार,
देती माँ आहार, बाल शिशु जब भी रोये,
लोरी देत सुनाय, नहीं जो शिशु को सोये,
पति को रही लुभाय, मधुर व्यंजन से भगिणी,
उन्नत भ्रष्टाचार, प्रेम की राग-रागिणी//
Added by Ashok Kumar Raktale on March 6, 2013 at 12:30pm — 7 Comments
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