पैसे की बिसात पर लोकतंत्र
लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सबसे भव्य प्रदर्शन अप्रैल और मई में होने वाला है जब देश के 81करोड़ मतदाताओं को अपने सांसदों को चुनने का सौभाग्य मिलेगा। मतदाताओं को अपने एक-एक वोट से उत्कृष्ट नेताओं को संसद तक पंहुचाने के लिए चुनावी इम्तिहान से गुजरना होगा। पैसा, प्रलोभन और भाई भतीजावाद से ऊपर उठकर लोकतंत्र के सभी मानकों…
ContinueAdded by DR. HIRDESH CHAUDHARY on March 26, 2014 at 3:00pm — 2 Comments
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