खुशियाँ जब जब आई हैं
मैने मुट्ठी भर भर बिखरा दिया है चारो तरफ
इस आशा से और दुवाओं से
कि लहलहाए खुशियां की हरियाली चारो दिशा|...
कल…
Added by डॉ नूतन डिमरी गैरोला on March 17, 2013 at 7:24pm — 4 Comments
ओ बी ओ महोत्सव २९ - विषय - रंग पर यह कुछ लिख डाला था पर सुबह देखा कि वह तो सिर्फ १० तारीख तक ही के लिए था जबकि आज तो ११ तारीख है| अब सोचा क्यूँ ना उस विषय की इस पोस्ट को यहाँ ओ बी ओ के ब्लॉग में ही डाला जाए, तो अब उस आड़ी तिरछी रचना को अपने पन्ने पर रख रही हूँ ...
इस बीच
मैंने पाया है…
ContinueAdded by डॉ नूतन डिमरी गैरोला on March 11, 2013 at 4:30pm — 12 Comments
मैं महिलाओं और बच्चियों को शुभकामना देती हूँ कि जरूर समाज में जल्दी ही एक साकारात्मक परिवर्तन आएगा, जब पुरुष महिला दो अलग इकाई नहीं बल्कि इस देश के और समाज के बराबर नागरिक होंगे, और घर में भी लड़की लड़के को बराबर दर्जा मिलेगा |
और उनके लिए शुभकामना सन्देश ---
वो खिले रहें फूलों की तरह…
ContinueAdded by डॉ नूतन डिमरी गैरोला on March 8, 2013 at 6:30pm — 4 Comments
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