अब होश करौ मदहोश न हो,
नहीं तौ फिर से दुख पइहौ।
उप्पर सफेद अंदर करिया,
ई नेता केर स्वरूप आय।
घड़ियाली आंसू ढुरुकि क्यार,
वोटन का लेवैक रूप आय।
जौ जाति धर्म मां बंटि जइहौ,
तौ पांच साल तक पछितइहौ
अब होश करौ मदहोश न हो,
नाहीं तौ फिर से................।
ई प्रजा तंत्र तब बचि पाई,
जब रिश्ता नाता ना देखौ,
टेटे कै पैसा ना लेखौ,
गाड़ी कै बवंडर ना देखौ।
अब होश करौ मदहोश न हो,
नाहीं तौ फिर से................।
ई देश बचावै के खातिर,
गुंडन…
Added by Atul Chandra Awsathi *अतुल* on April 6, 2014 at 7:14pm — 7 Comments
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