यह क्या
ऐसा तो न सोचा था
यह तो धोखा हो गया
बच्चा समझ के बहलाया नानी ने
दूर एक ग्रह को बनाया था मामा
रोज रात में बताती थी मुझे
देखो आसमां में जो चमक रहा है
वह हैं सबका प्यारा चंदामामा
धीरे-धीरे अक्ल आने लगी
नानी का झूठ समझ आने लगा
क्यों बोला झूठ उन्होंने
बच्चा जान बहलाया मुझे
लेकिन कहते है
प्यार में होता है सब जायज
यह बात भी समझ आती है
जब बचाना होता है गृह अपना
तब लेता हूं झूठ का सहारा
और कहता हूं अपनी…
Added by Harish Bhatt on April 4, 2012 at 2:52am — 2 Comments
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