लिस्ट में से नाम और पता लेकर अमर ने खुद को विजट पर जाने के लिए तैयार कर लिया मोटर साइकल स्टार्ट कर वो सलेमपुर की तरफ निकल पड़ा।
अपना प्रोग्राम उसने ऐसे तैयार किया था कि कम से कम तीन कैंसर पीड़ित मैंबर के किसी फैमली मैंबर से वह मिल सके ।
चलने से पहले लिस्ट क्रम में इक नंबर पर महिंद्र कौर के घर वालों की तरफ से दिए गए नंबर पर उसने फौन लगाया ऐसा करना इस लिए भी जरूरी था कि कोई घर मिल जाए खास करके वह आदमी…
ContinueAdded by मोहन बेगोवाल on April 25, 2017 at 5:13pm — 1 Comment
हार गई जिंदगी
चार दिन से ऋचा ड्यूटी पर नहीं जा रही थी, बुखार के साथ शरीर में लाल्गी आने से परेशानी और बढ़ गई थी जिस कारण अब बिस्तर से उठकर चलना भी मुश्किल हो रहा था।
प्रशिक्षण दौरान पढ़ाया गया था कि अगर माता रानी की क्रोपी बढ़ी ऊम्र में हो जाए तो रोग जानलेवा भी हो सकता है ।
यह बात वह पति परमेशर कई बार बता चुकी थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब उसके द्वारा नहीं मिल रहा था इक बार ऋचा ने कहा कि वह माँ के घर जा आती है, लेकिन सासू माँ ने इनकार कर दिया…
ContinueAdded by मोहन बेगोवाल on April 24, 2017 at 5:00pm — 1 Comment
कारपोरेशन की गाड़ी का हूटर बजा और लड़के ने गाड़ी से उतर कर डोर बैल बजाईं, जब मैं घर से बाहर आया तो मल्होत्रा साहिब अपने घर में रखा कूड़ेदान लेकर बाहर आ उस लड़के की तरफ बढ़ रहे थे ।
"हमारा कूड़ा सुबह सुबह पुराना रेहड़ी वाला ही उठा कि ही ले जाता है" ।
क्योंकि आप तो बहुत देर से आते हैं ।
जब आते हैं तब कोई भी घर नहीं होता "मैने कहा, बच्चे स्कूल व् हम दोनों ड्यूटी जा चुके होते हैं ।
पर वह लड़का अभी भी गेट के पास ही…
ContinueAdded by मोहन बेगोवाल on April 15, 2017 at 11:00am — 3 Comments
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