अपनी क्षमता से अधिक भारी दाना उठा कर धीरे-धीरे दीवार पर चढती एक चींटी को देख उसके साथ चल रही दूसरी चींटी चौंकी और उसने कहा, "इतना भारी दाना! तुम फिसल जाओगी|"
पहली चींटी कुछ क़दमों ही में हांफ चुकी थी, लेकिन उसने दृढ शब्दों में उत्तर दिया, "कल सभा में हमारे नेता हाथी ने कहा था कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, चींटियों को भारी से भारी दाना उठाना चाहिये, तभी हमारी गरीबी खत्म होगी, हमारे सपने पूरे होंगे|"
दूसरी ने मुस्कुरा कर कहा, "लेकिन अपने सामर्थ्य के अनुसार ही कोशिश…
ContinueAdded by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on April 24, 2016 at 3:00pm — 2 Comments
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