For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s Blog – May 2022 Archive (3)

जब है मंदिर और मस्जिद में वही - लक्ष्मण धामी " मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२

सत्य को कुछ उत्खनन तो कीजिए

दर्द होगा पर सहन तो कीजिए।१।

*

देशहित में क्या भला है आप भी

कौम से हटकर मनन तो कीजिए।२।

*

जब है मंदिर और मस्जिद में वही

आप दोनों में गमन तो कीजिए।३।

*

सद्गुणों को जब बढ़ाना आ गया

क्यों कहें अवगुण दमन तो कीजिए।४।

*

धर्म  माटी  को  समझकर  देश  की

आप भी झुककर नमन तो कीजिए।५।

*

चाहिए अधिकार तो कर्तव्य का

आप थोड़ा निर्वहन तो कीजिए।६।

*

फिर उठाना दूसरे की आप सौं

पहले पूरा इक वचन…

Continue

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 30, 2022 at 10:45pm — 2 Comments

मातृ दिवस पर गजल -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२

होता न माँ का तुझ पे जो अहसान आदमी

मिलते न राम -श्याम से भगवान आदमी।१।

*

चरणों में माँ के तीर्थ हैं दुनिया जहान के

समझा नहीं है आज भी यह ज्ञान आदमी।२।

*

माता बसी हो मन में तो शौतान मारकर

नारी का जग में करता है सम्मान आदमी।३।

*

गीता कुरान बाँचना तब ही सफल समझ

मन माँ का पढ़के जब हुआ इन्सान आदमी।४।

*

पढ़ने को माँ के रूप में केवल किताब इक

लिखने को लिख ले लाख तू दीवान आदमी।५।

*

चाहे पिता के नाम का सिर पर है ताज…

Continue

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 6, 2022 at 12:31pm — 10 Comments

तन-मन के दोहे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

तन-मन के दोहे

-------------------

चतुर लालची मन हुआ, भोली देह गँवार

जब तब जैसा मन कहे, होती वह तैयार।१।

*

सहज देह की भूख है, निदिया, रोटी, नीर

जग में पर बदनाम है, मन से अधिक शरीर।२।

*

तन को थोड़ा चाहिए, मन की माग अनंत

कहते मन बस में रखो, इस कारण ही सन्त।३।

*

बढ़े भावना काम की, करें नैन व्यभिचार

केवल साधन देह तो, मन साधक की मार।४।

*

तन से बढ़कर मन रहे, नित्य विषय में लीन

जिस की बातें मानकर, कर्म करे तन हीन।५।

*

विषय मुक्त जो मन…

Continue

Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 2, 2022 at 1:59pm — 8 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
23 hours ago
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service