तेरे रूठने का सिलसिला कुछ ज्यादा हीं बढ़ गया है
लगता है मुझे दिल का किराया बढ़ाना होगा
बहुत जिये तेरी उम्मीद के साये में अब तक
अब खुदका एक तय आशियाँ बनाना होगा
सब जानते है पता जिसने ताजमहल बनवाया था
मगर उन गुमशुदा…
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 24, 2023 at 11:24pm — 1 Comment
मोहब्बत है या नफरत है सभी कुछ जनता हूँ मैं
इन लहजों को अदाओं को बहुत पहचानता हूँ मैं
तेरे आने से फैली है जो खुशबू इन हवाओं में
इस खुशबू से उस आहट तक तुझे पहचानता हूँ मैं
कभी कुछ सोचना चाहा ख़यालों में तुम्ही ही आए …
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 16, 2023 at 8:39pm — 1 Comment
दबा कर आँखों में आँसू यूं मुस्कुरा जाते हो तुम
देकर खुशियाँ अपने हिस्से की हमें ग़म भुला जाते हो तुम
कैसे अपने एहसासों को ज़ुबां पर आने नहीं देते
दिल के बवंडर को क्यों बह जाने तुम नहीं देते
कैसे हर बार तुम हीं अपने अरमानो को दबाते हो …
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 10, 2023 at 6:47am — No Comments
कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है
मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है?
क्यों है तू फंसा हुआ, बंधनों में बंधा हुआ
अपनी भावनाओं के रस्सी में कसा हुआ
त्याग चिंताओं को अब चिंतन की राह धरो
स्वयं पर विश्वास कर दृढ़ हो…
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 3, 2023 at 7:26pm — No Comments
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