ग़ज़ल(सुन तो ले दास्ताने बर्बादी )
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(फाइलातुन-मफ़ाइलुन-फेलुन )
सुन तो ले दास्ताने बर्बादी |
घर के बाहर खड़ा है फर्यादी |
लोग करते रहे विकास मगर
हम बढ़ाते रहे हैं आबादी |
पी रहा हूँ उन्हें भुलाने को
मैं नहीं हूँ शराब का आदी |
सिर्फ़ ग़म है यही जिसे चाहा
साथ उसके न हो सकी शादी |
क्या दुआ दें तुम्हें सिवा इसके
हो मुबारक ये खाना आबादी…
Added by Tasdiq Ahmed Khan on July 22, 2017 at 5:41pm — 12 Comments
(फऊलन -फऊलन -फऊलन -फऊलन)
मेरे प्यार का शम्स ढलने से पहले |
कोई आ गया दम निकलने से पहले |
बहुत होगी रुसवाई यह सोच लेना
रहे इश्क़ में साथ चलने से पहले |
तेरे ही चमन के हैं यह फूल माली
कहाँ तू ने सोचा मसलने से पहले|
कहे सच हर इक आइना सोच लेना
बुढ़ापे में इसको बदलने से पहले |
ख़यालों में आ जाओ कटती नहीं शब
मिले चैन दिल को मचलने से पहले |
अज़ल से है उल्फ़त का दुश्मन ज़माना …
Added by Tasdiq Ahmed Khan on July 16, 2017 at 12:30pm — 30 Comments
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