2121 2122 21 21 2122
हम को कौन जानता था तेरी बन्दगी से पहले
चाल - ढाल खो चुके थे हम तो आशिक़ी से पहले
बन सँवर गये नहींं हम तेेरी दोस्ती से पहले
कब था ये सलीका हमको अपनी गुमशुदी से पहलेे
कूद-फाँद की बहुत पर थाह हो नहीं सकी जाँ
ज़िन्दगी के गुर न पाये हम भी ख़़ुदक़शी से पहले
खो सको जुनूूँ-मुहब्बत आना इस डगर को यारो
अन्यथा कहोगे मरना अच्छा हर सती से पहले
खूब मयकशी की हमने साथ साक़ी थी वो…
ContinueAdded by Chetan Prakash on July 12, 2023 at 10:41am — No Comments
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सावन हवा सुहानी आँखों कहीं नमी है
अब आ भी जाओ जानाँ तुम बिन नहीं खुशी है
छोड़ो भी दिल्लगी अब तन्हाई मारती है
बढ़ती है अब उदासी बदहाल ज़िन्दगी है
बादल बुझा रहा है सुन प्यास इस ज़मीं की
तू भी बसा मेरी दुनिया जो नहीं सजी है
ताउम्र तुमको चाहा मेरा जहाँ तुम्हीं हो
जाँ दिल मलो कि अब तो बेदर्द सी ग़मी है
अलमस्त जी रहे थे हम साथ-साथ जानाँ
ऐसा हुआ वो क्या हमसे जो ये बेदिली…
Added by Chetan Prakash on July 7, 2023 at 1:34pm — 1 Comment
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