मरा था मैं तड़प कर वो जमाना भी भुला देना
बसाया था तुझे दिल में फसाना भी भुला देना
जले खुद थे चरागो से बचाया था तुझे हमने
नहीं ये राह फूलो की बताना भी भुला देना
सहे है दर्द हम कितने पता हो तो जरा बोलो
छुपा कर दर्द मेरा मुस्कुराना भी भुला देना
निगााहो में बसाया था तुझे आखे बनाया था
चली जो छोड़ कर अाँसू बहाना भी भुला देना
उड़े आंचल तुम्हारे थे सभाला था हवाओं से
कहा था कुछ हवाओं ने बताना भी भुला…
Added by Akhand Gahmari on July 21, 2014 at 8:00pm — 23 Comments
यह बात 24 जून 1989 की है मेरे पिता जी जनपद देवरिया के पडरौना में तैनात थे। हम लोग वही से अपनी कार यू0पी0के0 4038 से पडरौना से अपनी मौसी की शादी में भाग लेने धरहरा मुँगेर जा रहे थे। हमारे साथ हमारी माता जी, दो भाई, मामा और वह मौसी जिनकी शादी थी और उनकी एक मित्र रूबी थी। हम लोग सुबह 6 बजे पडरौना से निकल कर 12 बजे गोपालगंज बिहार के पास पहुँचे थे उसी समय हम लोगो की कार खराब हो गयी हमारे मामा गोपालगंज बिहार से लाये मगर शा वह कार किसी तरह को गोपालगंज के अपने गैरेज में लाया मगर वह कार को पूरी तरह…
ContinueAdded by Akhand Gahmari on July 20, 2014 at 4:17pm — 12 Comments
मेरी पहली अमरनाथ यात्रा
बात 22 जुलाई वर्ष 2009 की है। मेरे पिता अपनी डियुटी से घर आये हुए थे।घर का कोई काम न कर पाने के मेरे दुकान से आने के बाद मुझ पर नाराज हेा रहे थे। मैं चुपचाप खाना खाया और उनके नाराज होने पर घर से बाहर चले जाने की आदत के अनुसार घर से बाहर निकल कर अपनी दुकान पर आ गया। दुकान पर आरकुट खोल कर इधर उधर करने लगा। उसी समय मेरे मैसेज बाक्स में अमरनाथ यात्रा संबंधी रजिस्टेªशन का विज्ञापन आया। मैं उसे खोल कर देखने लगा, पता नहीं क्या दिमाग में आया मै उसमेें दिये लिंक केा क्लिक…
Added by Akhand Gahmari on July 10, 2014 at 5:16pm — 10 Comments
भुलाये तो भुलाये हम तुम्हारे प्यार को कैसे
सुनाये हाल दिल का हम बता संसार को कैसे
चली जाना जरा रुक जा मनाने दे हमें खुशियाँ
बिना तेरे मनायेगें किसी त्यौहार को कैसे
लुटा कर जान भी अपनी बचा पाते मुहब्बत को
मिले खुशियाँ हमें कितनी बताये यार को कैसे
करो नफरत भले हमसे हमारी बात सुन लो तुम
गिराये आज नफरत की खड़ी दीवार को कैसे
नहीं दिखता जनाजा क्या तुझे अब जा चुके है हम
दिखाओगी भला अब तुम किये श्रृंगार को…
Added by Akhand Gahmari on July 5, 2014 at 5:19pm — 8 Comments
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