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PHOOL SINGH's Blog – August 2022 Archive (1)

जिम्मेदार इंसान-एक सम्पूर्ण परिवार

अंधा, बहरा कभी गूंगा बनता

रिश्तों की जिसको परवाह हो

मान-अपमान का भोग भी करता

चिंतित रहता, परिवार पर उसके कलंक न हो।।

 

सोच-समझकर सही फैसले लेता

ताकि घर में कलह न हो

उत्तरदायित्व भी लेता हरदम

फैसलों में उसके कभी दो राय न हो।।

 

शान-शौकत सब भूलता अपनी

पद-प्रतिष्ठा का भी अभिमान न हो

सबकी खुशी में उसकी खुशी है

चाहे किए त्याग का नाम न हो।।

 

होती जिम्मेदारियां बड़ी है उसकी

जग में चाहे…

Continue

Added by PHOOL SINGH on August 23, 2022 at 11:00am — 1 Comment

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