122 122 122 12
हवाओं के' झोंके मचलने लगे,
अदाओं के' आंचल सरकने लगे।1
दबे दिल के' कोने में ' जो थे कभी
परत दर परत राज खुलने लगे।2
बसाए फिरे जो जिगर में कभी
हकीकत बताने से बचने लगे।3
कहा था कभी, हम न होंगे जुदा,
मिले ही कहां,अब वो ' कहने लगे।4
नज़ाकत भरे थे जो लमहे कभी,
शरारत जदा आज डंसने लगे।5
"मौलिक व अप्रकाशित"
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Added by Manan Kumar singh on August 29, 2020 at 4:36pm — 4 Comments
2122 2122 212
रात क्या क्या गुनगुनाती रह गई
आपकी बस याद आती रह गई।1
सर्द मौसम हो गया कातिल बहुत
सांस अपनी सनसनाती रह गई।2
चांद में है दाग़,देखा आपने,
चांदनी यूं मुस्कुराती रह गई।3
सिलसिले सब याद में आते रहे
आरज़ू तो कुनमुनाती रह गई।4
गीत बनता लय पिरोकर,क्या कहूं?
बात दिल की ही लजाती रह गई।5
आंख हरदम जो बिछाती थी हवा,
इस दफा वह भाव खाती रह गई। 6
आशिया रौशन हुआ था बस…
ContinueAdded by Manan Kumar singh on August 22, 2020 at 9:44pm — 6 Comments
2122 2122 2122 212
शायरी अब क्या रूठेगी,सोचता हूं आजकल,
हो रही बुझती अंगीठी,सोचता हूं आजकल।1
शेर मुंहफट हो गए हैं,हर्फ लज्जित हो रहे,
शायरों की सांस फूली,सोचता हूं आजकल।2
मुंह चिढ़ातीं आज बहरें,खुल रहे हैं राज कुछ,
पिट रही कैसी मुनादी? सोचता हूं आजकल।3
राह अब अंधे दिखाते,झूठ ताना दे रहा,
हो रही सच की गवाही, सोचता हूं आजकल।4
शब्द सारे मौन लगते,अर्थ होता गौण है,
चल रही हैं गाली ' - ताली, सोचता हूं…
Added by Manan Kumar singh on August 21, 2020 at 9:30am — 12 Comments
2122 2122 2122
मूंदकर आंखें अंधेरा वह कहेगा
भौंकना तारी नहीं वह चुप रहेगा।1
आदमी को बांटता है आदमी से
बर्फ की माफिक हमेशा वह ढहेगा।2
आप शीतल होइए, उसको नहीं गम
आग का दरिया बना वह, फिर बहेगा।3
नाज़ नखरे आपने उसके सहे हैं
जुंबिशें कुछ आपकी वह क्यूं सहेगा?4
खा रहा कबसे मलाई मुफ्त की वह
आपका मट्ठा अभी भी वह महेगा।5
"मौलिक व अप्रकाशित"
Added by Manan Kumar singh on August 8, 2020 at 10:23am — 3 Comments
फिर कौवा पहचान लिया गया ', वृद्ध काक अपने साथियों से बोला।
' उस मूर्ख काक की दुर्दशा - कथा शुरू कैसे हुई?' काक मंडली ने सवाल उछाला।
' वही रंग का गुमान उसको ले डूबा।कोयल अपने सुमधुर सुर के चलते पूजी जाती।लोग उसे सुनने का जतन करते।यह देख वह ठिंगना कौवा कोयल बनने चला।रंग कोयल जैसा था ही।बस मौका देखकर कोयलों के समूह में शामिल हो गया। उनके साथ लगा रहता। उसे गुमान हो गया कि अब वह भी कोयल हो गया। वह अन्य कौवों को टेढ़ी नजर से देखता।'
'फिर क्या हुआ दद्दा?'…
Added by Manan Kumar singh on August 2, 2020 at 6:30am — No Comments
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