आज ९ सितम्बर २०१२, रविवार को इलाहाबाद के वर्धा विश्वविधालय क्षेत्रीय सभागार में एक काव्य गोष्ठी सह मुशायरा का आयोजन किया गया जिसमें अकबर इलाहाबादी को उनकी पुन्य तिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया | कार्यक्रम की शुरुआत अकबर इलाहाबादी साहब के चित्र पर माल्यार्पण से हुयी | तत्पश्चात इलाहाबाद के तंज़ ओ मजाह के सशक्त हस्ताक्षर फरमूद इलाहाबादी साहब ने तंज़ ओ मजाह के महान शायर अकबर इलाहाबादी साहब को याद करते हुए अकबर साहब की ग़ज़ल के चंद अशआर पढ़े तथा उसके पश्चात सभी कवियों…
ContinueAdded by वीनस केसरी on September 10, 2012 at 2:00am — 1 Comment
दोस्तों, ग़ज़ल पेश ए खिदमत है गौर फरमाएं ..
बचा है अब यही इक रास्ता क्या
मुझे भी भेज दोगे करबला क्या
तराजू ले के कल आया था बन्दर
तुम्हारा मस्अला हल हो गया क्या…
Added by वीनस केसरी on September 9, 2012 at 2:30am — 13 Comments
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