जनहित में
अप शब्दों से बचना सीखें
सबके दिल में बसना सीखें
गम की सारी खायी पाटें
हिल मिलकर के हँसना सीखें ll
सुख दुख को सब सहना जानें
छोड़ बैर सब कहना मानें
सहिष्णुता का पाठ पढ़ाकर
भाई जैसा रहना जानें ll
दिल से सबको गले लगाएं
प्रेम मुहब्बत सदा बढ़ाएं
हर गिरते का हाथ पकड़कर
बीच राह में उसे उठाएं ll
ये अपनों से दूरी कैसी
आखिर ये मजबूरी कैसी
अब उसका हक नहीं…
ContinueAdded by डॉ छोटेलाल सिंह on September 26, 2018 at 11:57am — 8 Comments
हिन्दी
भारत माँ के विशद भाल पर
यह जो शोभित बिंदी है
जिसकी आभा से सब जगमग
वह भाषा तो हिन्दी है ll
अपनी गरिमा है हिन्दी से
हिन्दी ही अपनाएंगे
आन बान सम्मान अस्मिता
इसकी सदा बढ़ाएंगे ll
सरस सुगम हृदयंगम भाषा
जन जन की हितकारी है
मोती सा हम गुँथे सूत्र में
हिन्दी की बलिहारी है ll
हमें गर्व है इस हिंदी पर
हिंदी को ना छोड़ेंगे
नित भारत के हर कोने को
हिंदी…
ContinueAdded by डॉ छोटेलाल सिंह on September 14, 2018 at 9:34pm — 2 Comments
भारत माँ के विशद भाल पर
यह जो शोभित बिंदी है
जिसकी आभा से सब जगमग
वह भाषा तो हिन्दी है ll
अपनी गरिमा है हिन्दी से
हिन्दी ही अपनाएंगे
आन बान सम्मान अस्मिता
इसकी सदा बढ़ाएंगे ll
सरस सुगम हृदयंगम भाषा
जन जन की हितकारी है
मोती सा हम गुँथे सूत्र में
हिन्दी की बलिहारी है ll
हमें गर्व है इस हिंदी पर
हिंदी को ना छोड़ेंगे
नित भारत के हर कोने को
हिंदी से हम…
ContinueAdded by डॉ छोटेलाल सिंह on September 14, 2018 at 9:00pm — 7 Comments
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