For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जनहित में

जनहित में

अप शब्दों से बचना सीखें

सबके दिल में बसना सीखें

गम की सारी खायी पाटें

हिल मिलकर के हँसना सीखें ll

सुख दुख को सब सहना जानें 

छोड़ बैर सब कहना मानें 

सहिष्णुता का पाठ पढ़ाकर

भाई जैसा रहना जानें ll

दिल से सबको गले लगाएं

प्रेम मुहब्बत सदा बढ़ाएं

हर गिरते का हाथ पकड़कर

बीच राह में उसे उठाएं ll

ये अपनों से दूरी कैसी

आखिर ये मजबूरी कैसी

अब उसका हक नहीं यहाँ पर

भेदभाव बे नूरी कैसी ll

समता मूलक देश बनाएं

घृणित भाव को सभी मिटाएं

एक आँख से सबको देंखें

जनहित में हर कदम उठाएं ll

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 514

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रामबली गुप्ता on October 1, 2018 at 11:06pm

बहुत ही जबरदस्त डॉ साहेब चौपाई छंद में बढियाँ प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 29, 2018 at 7:15pm

आदरणीय डॉ साहब बड़ी सुन्दर रचना है..

Comment by Sushil Sarna on September 27, 2018 at 7:07pm

आदरणीय छोटे लाल जी बहुत सुंदर संदेशप्रद रचना .... हार्दिक बधाई।

Comment by vijay nikore on September 27, 2018 at 11:27am

बहुत ही खूबसूरत रचना के लिए बधाई, मित्र छोटेलाल सिंह जी

Comment by Mohammed Arif on September 27, 2018 at 11:09am

आदरणीय छोटेलाल जी आदाब,

                      बेहतरीन संदेशप्रद रचना । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Samar kabeer on September 27, 2018 at 12:18am

16 ही मात्रा है, मुझसे भूल हुई,'अप' की जगह "आप" पढ़ गया ! क्षमा ।

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on September 26, 2018 at 6:49pm

परमादरणीय समर साहब जी सादर अभिवादन आपके उत्साह वर्धन से लेखन को बल मिला ,आपकी पैनी नजर से कविता निखर गयी ,आपने17 के मात्रा बताया मैं तो 16 समझकर रखा इसकी खामियां आप ही बता सकते हैं, हम अभी सीखने के दौर में हैं, आपका बहुत बहुत आभार सादर

Comment by Samar kabeer on September 26, 2018 at 6:08pm

जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,अच्छा सन्देश दे रही है आपकी रचना,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'अप शब्दों से बचना सीखें'17 मात्रा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
8 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
13 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
13 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
15 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
17 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
19 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"प्रवृत्तियॉं (लघुकथा): "इससे पहले कि ये मुझे मार डालें, मुझे अपने पास बुला लो!" एक युवा…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"स्वागतम"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service