सौतेली माँ हो रही, सभी जगह बदनाम
राज त्याग वन को गये,त्रेता में श्री राम।।
त्रेता में श्री राम, हुए शिकार सब जाने
कोख से रहे लगाव, सुने फिर सबके ताने
कैसे बदले भाव, आज भी बनी पहेली
दशरथ को अघात,आज भी दे सौतेली |
माँ की ममता कोख से, जग जाने यह बात,
सौतेली सहती रहे, पुत्रों से आघात ।
पुत्रों से आघात, बड़ा ही पहने पगडी
ह्रदय झेलता शोक, चोट जो लगती तगड़ी
प्रभु करें उद्धार, भाव में आये समता
ह्रदय भरे सद्भाव, सभी में माँ…
Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 27, 2016 at 2:04pm — 2 Comments
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