मुझे संसार में आने दो .....
ठहरो !
पहले मैं अपनी बेनामी को नाम दे दूँ
गर्भ के रिश्ते को
दुनियावी अंजाम दे दूँ
जानती हूँ
जब
तुम मुझे जान जाओगे
बिना समय नष्ट किये
मुझे गर्भ से ही
कहीं दूर ले जाओगे
कूड़ेदान
कंटीली झाड़ियों
या फिर किसी नदी,कुऍं में
या किसी बड़े से पत्थर के नीचे
दूर रेगिस्तान में
फेंक आओगे
जहां से तुम्हें
मेरी चीख भी सुनायी न देगी
इसके बाद
तुम चैन की नींद सो…
Added by Sushil Sarna on October 30, 2017 at 6:49pm — 6 Comments
जुलाहा ....
मैं
एक जुलाहा बन
साँसों के धागों से
सपनों को बुनता रहा
मगर
मेरी चादर
किसी के स्वप्न की
ओढ़नी न बन सकी
जीवन का कैनवास
अभिशप्त सा बीत गया
पथ की गर्द में
निज अस्तित्व
विलीन हुआ
श्वासों का सफर
महीन हुआ
मैं जुलाहा
फिर भी
सपनों की चादर
बुनता रहा
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Sushil Sarna on October 30, 2017 at 12:30pm — 10 Comments
सुख की एक लाश ...
एक अंतराल के बाद
विस्मृति भंग हुई
तो चेतना
सूनी आँखों से
उबलते लावों में
परिवर्तित हो
बह निकली
व्याकुलता के कुंड में
प्रश्नों की ज्वाला में तप्ती
असंख्य अभिलाषाओं को समेटे
जीवन के अंतिम क्षितिज पर
ज़िंदा थी
एक लाश
सुख की
छिल गए
भरे हुए
घाव सभी
जब स्मृति जल ने
अपने खारेपन से
उनपर नमक छोड़ दिया
जलती रही देर तक
मात हो चुकी बाज़ी की
अवचेतन में सोयी…
Added by Sushil Sarna on October 23, 2017 at 8:16pm — 10 Comments
अमर ...
प्रश्न
कभी मृत नहीं होते
उत्तर
सदा अमृत नहीं होते
कामनाएं
दास बना देती हैं
उत्कण्ठाएं
प्यास बढ़ा देती हैं
शशांक
विभावरी का दास है
शलभ
अमर लौ अनुराग है
दृष्टि
दृश्य की प्यासी है
तृषा
मादक मकरंद की दासी है
भाव
निष्पंद श्वास है
अंत
अनंत का विशवास है
स्मृति
कालजयी कल है
अमर
प्रीत का हर पल है
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Sushil Sarna on October 5, 2017 at 6:07pm — 14 Comments
2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |