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मुहब्बत सभी से जताते नहीं हैं|
मगर दोस्तों से छुपाते नहीं हैं|
हमें तो पता है सबब आशिकी का,
तभी दिल किसी से लगाते नहीं हैं ।
बहुत चोट खाई है अपनों से अब तक
तभी जख्म सबको दिखाते नहीं हैं|।
अमिट कुछ निशां पीठ पर दे गए वो,
नये दोस्त हम अब बनाते नहीं हैं|
कि दौरे मुसीबत में थामा जिन्होंने
तो हर्गिज उन्हें हम भुलाते नहीं हैं।
अगर हो न मुमकिन जो…
ContinueAdded by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on October 17, 2016 at 12:30am — 8 Comments
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