1.
उतारिए चश्मा
पोछिये धूल
चीज़ें खुदबखुद... साफ़ हो जाएँगी ।
2.
ज़रूरी है… सफाई अभियान
शुरुआत कीजिये
दिल से ....
3.
गंदगी सिर्फ मुझमे ही नहीं
तुम में भी है मित्र
ज़रा अंदर तो झाँको ....
4.
जब ईमान गिरवी हो
ज़मीर बिक चुका हो
कौन उठायेगा बीड़ा
समाज की सफाई का ....
5.
साफ़ नहीं होती गंदगी
बार बार उंगली दिखाने…
ContinueAdded by नादिर ख़ान on November 26, 2017 at 8:00pm — 10 Comments
(22 22 22 22)
क्यूँ है तू बीमार मेरे दिल
गम से यूँ मत हार मेरे दिल
तय है इक दिन मौत का आना
इस सच को स्वीकार मेरे दिल
पहले ही से दर्द बहुत हैं
और न ले अब भार मेरे दिल
सुनकर भाषण होश न खोना
ये सब है व्यापार मेरे दिल
कौन यहाँ पर कब बिक जाए
रहना तू हुशियार मेरे दिल
झूठ खड़ा है सीना ताने
सच तो है लाचार मेरे दिल
दिल के कोने में रहने दे
प्यार…
ContinueAdded by नादिर ख़ान on November 2, 2017 at 12:30am — 7 Comments
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