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भजो राम को या भजो श्याम को या, भजो नित्य ही मित्र माँ बाप को |
चुनों धर्म का मार्ग सच्चा हमेशा , बढ़ावा न देना कभी पाप को,
सिखाना सभी को सिखाना स्वतः को, भुलाना यहाँ व्यर्थ संताप को,
नई ये हवाएं कहें क्या सुनो तो, सुनो थाप को वक्त की चाप को ||
तजो लाज सारी करो कर्म अच्छे, रहोगे जहां में तभी शान से |
न लेना किसी का न देना किसी का, जिलाता यही मार्ग सम्मान से,
बिना कर्म पाते सभी दुःख देखो,…
ContinueAdded by Ashok Kumar Raktale on November 5, 2016 at 10:53pm — 9 Comments
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