Added by Sarita Bhatia on December 27, 2013 at 4:21pm — 9 Comments
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प्यार में होता सदा ही दर्द क्यों है ?
प्यार में अब चल रही यूँ कर्द क्यों है ?
यार को जो हैं समझते इक खिलौना
प्यार जाने हो गया अब नर्द क्यों है ?
है बिना दस्तक चला आता सदा जो
वो बना यूँ आज फिर हमदर्द क्यों है ?
छू रही है रूह मेरी आते जाते
यह तुम्हारी साँस इतनी सर्द क्यों है ?
अपनी यादों को समेटे जब गए हो
आज यादों की उठी फिर गर्द क्यों है ?
प्यार पर है जुल्म…
Added by Sarita Bhatia on December 5, 2013 at 6:00pm — 22 Comments
प्यार में होता सदा ही दर्द क्यों है ?
यह जमाना हो गया बेदर्द क्यों है ?
है बिना दस्तक चला आता सदा जो
वो बना यूँ आज फिर हमदर्द क्यों है ?
छू रही है रूह मेरी आते जाते
यह तुम्हारी साँस इतनी सर्द क्यों है ?
अपनी यादों को समेटे जब गए हो
आज यादों की उठी फिर गर्द क्यों है ?
प्यार पर करता जुल्म हर रोज है जो
वो समझता खुद को जाने मर्द क्यों है ?
तुम समझती हो मुहब्बत जिसको सरिता
वो बना…
ContinueAdded by Sarita Bhatia on December 2, 2013 at 5:40pm — 16 Comments
लक्ष्मी है तू गेह की, तू मेरा सम्मान
सबको देना मान तू ,भाई पिता समान /
बेटी है तो क्या हुआ तू है घर की लाज
हमारा तू गुरूर है, मेरी तू आवाज /
बनना मत तू दामिनी,सहकर अत्याचार
लेना दुर्गा रूप तू ,करना तू संहार /
मत घबराना तू कभी, जो हो जग बेदर्द
तू है दुर्गा कालिका ,मत सहना तू दर्द /
जिसका तुझसे हो भला,उसके आना काम
अबला नारी जो दिखे ,उसको लेना थाम /
..............मौलिक व अप्रकाशित .......
Added by Sarita Bhatia on December 1, 2013 at 11:30am — 14 Comments
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