उत्सव लाये हैं ख़ुशी,खूब सजे बाजार
साथ मिठाई के सजे,भिन्न भिन्न उपहार |
रंग रूप लेकर नए ,चमक उठे सब गेह
उत्सव हैं सब गर्व के ,बाँटे खुशियाँ नेह |
उत्सव धनतेरस हुआ,त्रयोदशी के वार
नूतन बर्तन हैं सजे ,और स्वर्ण बाजार |
छोटी दीवाली जले,यम दीपक हर द्वार
मुक्त हुईं कन्या सभी,नरकासुर को मार |
उत्सव दीपों का सभी,मनाते संग प्यार
सबको बाँटे रोशनी ,दीवाली त्यौहार |
अन्नकूट उत्सव रचा, दीवाली पश्चात
भोग लगा खायें सभी ,संग कढ़ी के भात |
शुक्ल पक्ष की दूज है, बाँटे पावन प्यार
उत्सव भाईदूज का, बहना करे दुलार |
उत्सव भारत देश के, बाँटें केवल प्रीत
झूम झूम नाचो सभी,गाओ उत्सव गीत |
मौलिक व अप्रकाशित..............
Comment
दीपो के त्यौहार पर, दोहों का उपहार,
सरिता जी दोहे रचे, लगते सदा बहार |
सुंदर दोहों के लिए बधाई आद सरिता भाटिया जी | "मनाते संग प्यार" - इसे - "संग मनाते प्यार" या "करते सबसे प्यार"
किया जा सकता है | दीपोत्सव की हार्दिक शुभ कामनाएं
आदरणीया
बहुत अच्छे दोहे है i मानते संग प्यार में-------- 3 +3 +2+3 यी 4+4+ 3 मात्रा क्रम का निर्वाह नही हुआ है i
दीवाली के पूर्व ही दीवाली की याद
सरिताजी करने लगीं, उत्सव से संवाद..
जगमगाते दोहों के लिए बहुत-बहुत बधाइयाँ आदरणीया सरिताजी.
उत्सव दीपों का सभी,मनाते संग प्यार - इस पद का संयोजन कृपया पुनः देख लें.
शुभेच्छाएँ
आदरणीय सोमेश कुमार जी हार्दिक आभार
शुक्रिया शिज्जु भाई ,मार्गदर्शन बनाये रखें |
दीपावली दिल से
दिवाली और इसके साथ आने वाले विभिन्न पर्वों की सुंदर दीपमाला को बहुत सुंदर दोहों के माध्यम से प्रस्तुत करने के लिए प्रकाशमय बधाईयाँ|
आदरणीय सरिता जी दीपों के त्यौहार दीपावली एवं नवरात्रि के उत्सव का खूबसूरत वर्णन किया है आपने बहुत बहुत बधाई आपको
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