तेरे उपकार का ये ऋण, भला कैसे चुकाऊंगा?
दबा हूँ बोझ में इतना, खड़ा अब हो ना पाऊँगा
मेरी पूंजी है ये जीवन, जो तुम चाहो तो बस ले लो
सिवा इसके तुम्हें अर्पण, मैं कुछ भी कर ना पाऊँगा
दिया था हाथ जब तुमने, मैं तब डूबता हीं था
सम्हाला था मुझे तुमने, के जब मैं टूटता हीं था
मैं भटका सा मुसाफिर था, राह तू ने था…
ContinueAdded by AMAN SINHA on December 26, 2022 at 2:22pm — No Comments
डूबते को जैसे तिनके का, सहारा काफी होता है
हर निराश चेहरे का, उम्मीद हीं साथी होता है
अंधेरी गुफा में जब कोई राही, अपनी राह बनाता है
आँखों से कुछ दिख ना पाए, उम्मीद पर बढ़ता जाता है
जब कोई अपना संगी-साथी, अपनों से बिछड़ जाए
और दूर तक उसके पग के, निशां ना हमको मिल पाए
तब भी ये उम्मीद हीं है, जो हमको बांधे रखती है
मिल जाएगा हमदम…
ContinueAdded by AMAN SINHA on December 19, 2022 at 3:05pm — 1 Comment
हम मिलें या ना मिलेंं, चाहे फूल ना खिलें
लेकिन इन हवाओं में, हमारा वजूद होना चाहिए
हम चलें जिस राह में, मंज़िलों की चाह में
गर मिल सके ना कारवाँ से
राहपर अपने मगर, निशान होने चाहिए …
ContinueAdded by AMAN SINHA on December 12, 2022 at 2:00pm — 1 Comment
नर हूँ ना मैं नारी हूँ, लिंग भेद पर भारी हूँ
पर समाज का हिस्सा हूँ मैं, और जीने का अधिकारी हूँ
जो है जैसा भी है रुप मेरा, मैंने ना कोई भेष धरा
अपने सांचें मे कसकर हीं, ईश्वर ने मेरा रुप गढ़ा
माँ के पेट से जन्म लिया, जब पिता ने मुझको गोद लिया
मेरी शीतल काया पर ही, शीतल मेरा नाम दिया
जैसे-जैसे मैं…
ContinueAdded by AMAN SINHA on December 5, 2022 at 1:26pm — 1 Comment
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |