मेरे भीतर एक आकाश
कई सूर्य ,कई चन्द्र ,कई आकाशगंगाएं
तारों की झिलमिलाहट
उष्णता, शीतलता, धवलता, कलुषता भी
संवेग, आवेग, आवेश का फैलाव
तो
प्यार, प्रेम, सुख और
आनंद की लहर भी…
ContinueAdded by mohinichordia on December 22, 2011 at 2:00pm — 5 Comments
वो पल सबसे अच्छे थे
जो गुज़रे थे तेरी बाहों में ।
खयालों में उन पलों को जी लेती हूँ
उन सांसों की सरगम से
मन को भिगो लेती हूँ
वो पल वापस नहीं लोटेंगे, मुझे पता है
उन स्मृतियों से आँखों को
नम…
ContinueAdded by mohinichordia on December 17, 2011 at 3:30pm — 3 Comments
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