फाइलातुन _मफाइलुन_फेलुन)
आप पर किस की मिह्ऱबानी है ,
हर ग़ज़ल में जो ये रवानी है !!
ये ग़ज़ल उसके नाम करता हूँ
शायरी जिसकी मेहरबानी है
शायरी में नहीं है कुछ मेरा
हर ग़ज़ल यार की निशानी है
आप को छोड़ कर कहाँ जाएँ ,
आप के साथ ज़िन्दगानी है !!
आप मक्ते में साथ होते हो ,
हर ग़ज़ल आप की निशानी है !!
प्यार के ही तो सारे किस्से हैं
प्यार की ही तो हर कहानी है
उसको भी…
ContinueAdded by राज लाली बटाला on July 8, 2018 at 8:30am — 7 Comments
ग़ज़ल
....
मयकशी मयकशी नहीं लगती !
रौशनी रौशनी नहीं लगती !!
.....
अब इबादत में दिल नहीं लगता !
बन्दगी बन्दगी नहीं लगती !!
......
हर तरफ भीड़ और मैं तनहा!
बेबसी बेबसी नहीं लगती !!
...
दिल में रखते हैं वोह तो दिल कितने !
आशिकी आशिकी नहीं लगती !!
...
गुफ़्तगू आप से करें कैसे !
आपको तो कमी नहीं लगती
....
हैं खफा वोह अगर खफा हम है !
दोसती दोसती नहीं लगती !!
....
चाँद तारों के साथ चलता हूँ !…
Added by राज लाली बटाला on September 25, 2013 at 8:30pm — 26 Comments
"ग़ज़ल "
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कलम का वार कैसा है कोई उनको बताये तो !
सियासत हाथ मलती है कोई दिल से चलाये तो !!
हमारे देश में अब राज चलता है लुटेरों का !
हमें भी साँस मिल जाये कोई इनको हटाये तो !!
किसी नादाँ के ऊपर देश का तुम भार मत ढालो !
बता दो देश से पहले वोह अपना घर चलाये तो !!
हमेशां जिंदगी से जूझता है आम हर बन्दा !
कभी वोह चैन से सोये , कभी इतना कमाये तो…
Added by राज लाली बटाला on May 15, 2013 at 10:30pm — 12 Comments
हाँ , आज हुआ है मेरा
Added by राज लाली बटाला on February 6, 2012 at 10:30pm — 21 Comments
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