फाइलातुन _मफाइलुन_फेलुन)
आप पर किस की मिह्ऱबानी है ,
हर ग़ज़ल में जो ये रवानी है !!
ये ग़ज़ल उसके नाम करता हूँ
शायरी जिसकी मेहरबानी है
शायरी में नहीं है कुछ मेरा
हर ग़ज़ल यार की निशानी है
आप को छोड़ कर कहाँ जाएँ ,
आप के साथ ज़िन्दगानी है !!
आप मक्ते में साथ होते हो ,
हर ग़ज़ल आप की निशानी है !!
प्यार के ही तो सारे किस्से हैं
प्यार की ही तो हर कहानी है
उसको भी आरज़ू है लाली की
चाँद पर जिसकी हुक्मरानी है
मौलिक एव अप्रकाशित
Comment
बहुत प्यार , आभार और सतिकार आप सभी दोस्तों का
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अदब से
राज लाली बटाला
उम्दा ग़ज़ल कही है आदरणीय राज लाली जी..बधाई
वाह आदरणीय बहुत खूबसूरत ग़ज़ल बनी है। हार्दिक बधाई।
खूबसूरत ग़ज़ल की पेशकश के लिए मुबारकबाद कुबूल करें आदरणीय राज लाली बटाला जी ।
बहुत अच्छी ग़ज़ल है आ.राज लाली बटाला जी। वधाई कबूल करो जी।
आ. राज बटाला जी, अच्छी गजल हयी है । हार्दिक बधाई ।
जनाब राज लाली बटाला जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
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