For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ग़ज़ल "

--------------------------------------------------------

कलम का वार कैसा है कोई उनको बताये तो !
सियासत हाथ मलती है कोई दिल से चलाये तो !!

हमारे देश में अब राज चलता है लुटेरों का !
हमें भी साँस मिल जाये कोई इनको हटाये तो !!

किसी नादाँ के ऊपर देश का तुम भार मत ढालो !
बता दो देश से पहले वोह अपना घर चलाये तो !!

हमेशां जिंदगी से जूझता है आम हर बन्दा !
कभी वोह चैन से सोये , कभी इतना कमाये तो !!

हमारी साँस पे भी वोह तो अपना हक्क जमाता है !
कभी साँसों पे अपनी भी हमारा हक्क बताये तो !!

हमें बच्चे बताते है हमारे घाव गहरे हैं !
यह हमने किस लिये खाये ,कोई इनको बताये तो !!

मुहब्बत सब को मिल जाये ,यकीनी यह जरूरी ना !
जमीं को छाँव  मिलती है , बिरख  पर धुप  आये तो !!

हिमाकत कर ही डाली है ग़ज़ल कह कर जो अब 'लाली'!
मैं माफ़ी माँग लेता हूँ कहीं गलती जो आये तो !!

"लाली"

[ मौलिक और अप्रकाशित रचना.]

Views: 666

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राज लाली बटाला on May 21, 2013 at 8:48pm

शुक्रियाAshok Kumar Raktale  जी ..आभारी हूँ जो आपको पसंद आई !! लाली ....Haunsla dene ke liye aabhari hoon ...!! 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 20, 2013 at 11:45pm

राजनीतिज्ञों पर व्यंग करती सुन्दर गजल के लिए बहुत बहुत दाद कुबुलें आदरणीय राज लल्ली शर्मा जी.

Comment by राज लाली बटाला on May 16, 2013 at 9:32pm

शुक्रिया केवल प्रशाद  जी !! 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 16, 2013 at 9:25pm

आ0 राज लाली जी,   अतिसुन्दर गजल......।  बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by राज लाली बटाला on May 16, 2013 at 6:38pm

शुक्रिया राम पाठक  जी ..आभारी हूँ जो आपको पसंद आई !! लाली 

Comment by राज लाली बटाला on May 16, 2013 at 6:38pm

शुक्रिया संदीप पटेल  जी ..आभारी हूँ जो आपको पसंद आई !! लाली 

Comment by राज लाली बटाला on May 16, 2013 at 6:37pm

शुक्रिया विजय मिश्र जी ..आभारी हूँ जो आपको पसंद आई !! लाली 

Comment by राज लाली बटाला on May 16, 2013 at 6:37pm

शुक्रिया राजेश कुमार झा जी ..आभारी हूँ जो आपको पसंद आई !! लाली 

Comment by राजेश 'मृदु' on May 16, 2013 at 4:38pm

हार्दिक बधाई इस सुंदर गज़ल पर

Comment by विजय मिश्र on May 16, 2013 at 4:07pm
"हमें बच्चे बताते है हमारे घाव गहरे हैं !
यह हमने किस लिये खाये ,कोई इनको बताये तो !!"
-- समसामयिक कहें या बदहाल हालात ; पर बहुत प्रभावित करती है आपकी रचना ,मौंजू साफगोई से रखी गयी है . धन्यवाद लालीजी .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
9 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service