३ साल की बेटी के नर्सरी क्लास के दाखिले के लिए जाने माने दो स्कूलों में एडमीशन टेस्ट दिलवाए थे | सोचा ढेरों बच्चों में पास भी होगी कि नहीं| नाम पूछने पर कुछ बताया नहीं और कुछ सुनाया भी नहीं| एक चौकलेट दी गई | बिटिया ने खोल कर वहीँ खा ली और हाथ में रेपर दिखाकर वहीँ बैठी नन से पूछा, आपकी डस्ट बिन कहाँ है और बाहर चली गयी |आज जब रिज़ल्ट देखा तो दोनों स्कूल की लिस्ट में नाम था | किसमें दाखिला लें---- इस पर हम माता पिता सहमत ही नहीं हो पा रहे थे |मां का दिल कहता पास के स्कूल में डालें, आने जाने…
ContinueAdded by Manisha Saxena on August 19, 2017 at 11:00am — 8 Comments
दोहरा सुख
“सरकारी नौकरी में रखा क्या है”
“क्यों बहुत परेशान लग रहे हो| इस नौकरी ने तुम्हें क्या नहीं दिया है? अच्छी तन्खवाह ,सरकारी घर, काम करने के तय घंटे, और क्या चाहिये |”
“बंधीबंधाई तनखा से गुजारा कहाँ ?”
“और जो बंगले की ज़मीन, हर मौसम की सब्जी ,फल ----ताज़े का मज़ा ही और है|”
“अपने पोती पोतियों को इन्हीं साग-भाजी की फोटो दिखाना और तो कुछ कमाई तो की नहीं जीवन में|”
“दादा जी आम तोड़ दीजीये ना, मेरा हाथ नहीं पहुँच रहा है|”
“पेड़ पर चढ़ कर…
ContinueAdded by Manisha Saxena on August 2, 2017 at 12:11pm — 8 Comments
बड़े बाबा के जिगरी दोस्त,छोटे चाचा यूँ तो हमारे परिवार की रिश्तेदारी में कुछ नहीं लगते पर रिश्तेदारों से बढ़कर करते हैं |घर पर कोई मौका हो गम का या खुशी का,पिछले चालीस सालों से,वे सदैव उपस्थित रहते हैं|घर के किसी भी सदस्य का जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह ,छोटे चाचा गुलाबजामन की हंडिया लेकर आते | ढेरों आशीष तो देते ही थे ,शेरो शायरी सुना कर माहौल को खुशगवार बना देते थे |हम सब भाई बहिन हँसते हुए आपस में कहते “वो आये नहीं ?”या “वो आ गए हैं |” “वो आ रहे हैं|”
आजकल के बच्चों व बहुओं…
ContinueAdded by Manisha Saxena on July 25, 2017 at 11:30am — 5 Comments
“भाभी जल्दी आइये देखिये ‘साथी डॉट कॉम’ पर कितने उत्तर आये हैं|”
“अरे क्या करती हैं बड़े लोग देखेंगे,सुनेंगे तो क्या सोचेंगे |”
“खुश होंगे भाभी, सब चाहते हैं कि आप फिर से एक नई ज़िंदगी की शुरुआत करें |”
“सालों पहले मुझे सफ़ेद साड़ी से रंगीन साडी पहनाने में, कितने पापड़ बेले थे आपने, भूल गयी क्या, जो अब ये नया काम करने जा रही हैं |”
“पर मैं सफल हुई ना|थोड़ा सा आत्मविश्वास की ज़रूरत है बस |केदारनाथ के हादसे को हुए भी १२ साल बीत गए हैं ,भाई व बच्चों को तो वापिस नहीं ला…
ContinueAdded by Manisha Saxena on July 20, 2017 at 11:30pm — 8 Comments
बासंती उमंग
आज सुबह से ही बहुत भागमभाग रही|भगवानजी को पीले वस्त्रों से सुसज्जित किया ,तोरण, बंदनवार मीठे चावल ,केसरिया खीर बनाकर सरस्वतीजी को भोग लगाया |बच्चों को कई बार याद किया क्योंकि सजावट के ये सारे काम उन्हीं के सुपुर्द थे ,और वे भी बड़े उत्साह से सारी तैयारी कराते थे | ड्राइंग क्लास ,संगीत क्लास व घर की पूजा |तीनों जगह की पूजा करते करते न तो दम फूलता था ,न ही कोई परेशानी होती थी पर आज तो सुबह से ही थकान लग रही है |काम सब हो रहे हैं पर न तो कोई उमंग है न ही…
ContinueAdded by Manisha Saxena on February 10, 2017 at 1:09pm — 9 Comments
१
राहत देती
घुटने सहलाती
टुकड़ा धूप
२
पहाड़ स्पर्श
आचमन झीलों का
पधारी धूप
३
वक्त की छन्नी
बारीक-दरदरा
छानती धूप
४
थी गुलाब वो
बनी है अब शूल
धूप बबूल
५
तप के आई
बादलों से लड़ती
साहसी धूप
६
खेत में सोना
फलियों में मणिका
बो गई धूप
७
भोर को लाल
संध्या को सुनहरा
रंगती…
ContinueAdded by Manisha Saxena on March 19, 2016 at 12:00am — 3 Comments
स्कूल में मध्यांतर हुआ |सब बच्चे अपने अपने टिफिन बॉक्स लेकर मैदान में जमा थे |रीना बड़े चाव से दादी के हाथ के बने आलू के पराठे खा रही थी |उसकी सहेली कुहू टिफिन खोल कर चुपचाप बैठी थी|
“कुहू जल्दी से टिफिन ख़त्म करो, घंटी बजने वाली है “
“रीना मुझे गणित का सवाल नहीं आया |देखना, मुझे शून्य अंक मिलेगा और घर पर मम्मी की डांट पड़ेगी| “
“हाँ कल मुझे भी नहीं आ रहा था| तुमने नेट पर सर्च किया था?”
“किया था |अर्जुन अकादमी व मैथ्स ऑन लाइन दोनों पर उदाहरण देखे थे |मैं बार बार गलती…
ContinueAdded by Manisha Saxena on August 13, 2015 at 1:30pm — 3 Comments
१
सही जगह
बोया सुकर्म बीज
महान फल
२
दूर करता
अँधेरा व् दारिद्र
कुल दीपक
३
बाधाएं होती
परीक्षा आदमी की
जोश बढायें
४
विपत्तियाँ जो
सर पर आ पड़ी
ज्ञान ने काटा
५
जंजीरें सभी
बनाती हैं गुलाम
लोहा या सोना
६
बनेंगे काम
गुरु व ईश्वर पे
श्रद्धा रखिये
७
देता जो स्वयं
अपने को…
ContinueAdded by Manisha Saxena on July 20, 2015 at 12:00am — 4 Comments
हाइकू
१
मित्र हैं वही
जो न तोड़े विश्वास
शेष तो साथी
२
दूसरों पर
न करो दोषारोपण
यही बहुत
३
परोपकार
खुशबू चन्दन
करुना बसी
४
निराश न हों
असफलता देती
प्रेरणा नई
५
धन प्राप्ति से
दरिद्रता न मिटे
वित्तेष्णा छोडो
६
खरीददारी में
खुश होने का भ्रम
पाले रईस
७
जुंबा पर आये
पुरानी कई यादें
प्यार बढाए
८
कह के बात
खुले मन…
Added by Manisha Saxena on July 13, 2015 at 12:12am — 4 Comments
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