For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मिस्टेक न हो जाए

इससे पहले कभी 
कहा नही जाता था 
तो बम के साथ हम 
फट जाते थे कहीं भी
और उड़ा देते थे चीथड़े 
इंसानी जिस्मों के...

अब कहा जा रहा है 
मारे न जायें अपने आदमी 
सो पूछ-पूछ कर 
जवाब से मुतमइन होकर 
मार रहे हैं हम...

बस समस्या भाषा की है 
उन्हें समझ में नही आती
हमारी भाषा 
हमें समझ में नही आती 
उनकी बोली 


हेल्लो हेल्लो 
क्या करें हुज़ूर..

एक तरफ आपका फरमान 

दूजे टारगेट की बेचैनियाँ 
इसके चलते 'मिस्टेक' हो सकती है...

अपने लोगों को तो ज़ुरूर पता होना चाहिए

पैगम्बर की माँ का नाम 

और रटी होनी चाहिए कुरआन की आयतें 


काश, दुनिया को ओने-कोने में बसे 
हमारे आदमी सभी 
अरबी बोल पाते...अरबी समझ पाते...

(मौलिक अप्रकाशित )

Views: 418

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 1, 2013 at 4:49pm

आपकी कविताओं का अंदाज़ अलहदा है, आदरणीय अनवर साहब.. और मैं आपके इस अंदाज़ का फ़ैन हूँ.

भाषण कविता नहीं होता, तो चीख भी कविता नहीं होती. आपने कई-कई बार इस तथ्य को सार्थकता से प्रस्तुत किया है.

जिस संवेदना और वैचारिक स्पष्टता की आवश्यकता प्रस्तुत कविता को थी आपने आत्मीयता और दायित्व के साथ इनसे कविता को संतुष्ट किया है. ऐसी शाब्दिक और वैचारिक ताकत ही रचनाकर्म में यथार्थ प्रस्तुतियों की संवाहक है. जो है सो है को शिद्दत से आपने उभारा है.

बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें आदरणीय.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2013 at 7:32am

आदरणीय , बहु अच्छा विषय चुना , बहुत अच्छी बात लिखी है !! बहुत बहुत बधाई !!

Comment by राजेश 'मृदु' on September 26, 2013 at 3:03pm

बहुत बढि़या प्रस्‍तुति है, सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2013 at 10:28pm

बहुत संवेदनशील मुद्दे पर आपकी कलम चली ये समस्या हम सभी की है अतः हल भी मिलकर ही सोचना चाहिए दहशत गर्दों का कोई धर्म ही नहीं होता 

Comment by Meena Pathak on September 25, 2013 at 6:50pm

अति सुन्दर रचना .. बधाई आप को 

Comment by Saarthi Baidyanath on September 25, 2013 at 5:12pm

विषय अच्छा लगा ... रचना अद्वितीय है ..! खूब ..बहुत खूब :)

Comment by रविकर on September 25, 2013 at 9:14am

गजब प्रस्तुति-
आभार आदरणीय-

बम गोली भी मारते, पूंछ पूंछ कर नाम |
रहिये सभी सचेत अब, हिन्दु-सिक्ख-इस्लाम |
हिन्दु-सिक्ख-इस्लाम , धर्म की पढ़ो किताबें |
पढ़ लो श्लोक कलाम, अन्यथा गर्दन दाबे |
बड़ा मार्मिक लेख, पोल अनवर ने खोली |
पढ़कर चेहरा-धर्म, फटे अब से बम गोली ||

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
12 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service