For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"यार सुरेश देखो! हमारा देश अब कितनी प्रगति कर रहा है।"
"मुझे तो अभी ऐसा कहीं कुछ नजर नहीं आ रहा है।"
"यार लगता है तुम टी वी नहीं देखते हो।"

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 560

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 14, 2015 at 10:36am

सटीक व्यंग्य वाह बढ़िया लघु कथा |

Comment by aman kumar on January 14, 2015 at 9:27am

मात्र टी वी ही नही अख़बार भी विज्ञापनों  के लिए ही छपते मालूम होते है .सही नव्ज पकड़ी है आपने ...आभार 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on January 13, 2015 at 5:31pm

कहें तो गागर में सागर! बहुत ही सुन्दर! अचूक निशाना और  भी बहुत कुछ 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 13, 2015 at 5:22pm

बहुत खूब ! बहुत खूब !! बहुत खूब !!!

हार्दिक बधाइयाँ

Comment by विनोद खनगवाल on January 13, 2015 at 4:32pm
आप सभी का सम्मान के साथ दिल से आभार व्यक्त करता हूँ।
Comment by विनय कुमार on January 12, 2015 at 3:52pm

बहुत सटीक एवम मौजूं लघुकथा | बहुत बहुत बधाई..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 12, 2015 at 11:57am

कम शब्दों में बहुत कुछ कहती लघुकथा. सच ! कुछ लोग टेलीविजन और नेट के माध्यम से ही अच्छे-बुरे कि तुलना कर लेते है. बहुत-बहुत बधाई आदरणीय विनोद जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 11, 2015 at 5:08pm

देश का विकास ज़मीन की जगह मीडिया की जुबानी ही दिखाई देने पर अच्छा व्यंग किया है..

सुन्दर लघुकथा हुई है आ० विनोद जी 

हार्दिक बधाई 

Comment by somesh kumar on January 10, 2015 at 9:50pm

कई दिनों बाद मंच पर आए ,और आते ही नो-बॉल पर छक्का |बहुत बधाई इस कसी हुई मारक लघुकथा हेतू 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 10, 2015 at 9:40pm

बहुत खूब आदरणीय विनोद जी, सही कहा, टीवी में देश लगातार प्रगति करते जा रहा है, गरीब भी अमीर हो रहें हैं, बधाई इस बेहतरीन लघुकथा पर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
2 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सीमा के हर कपाट को - (गजल)-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२कानों से  देख  दुनिया  को  चुप्पी से बोलना आँखों को किसने सीखा है दिल से…See More
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
23 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
23 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service