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आदरणीय जयनित भाई , बहुत सुन्दर गज़ल कही है , दिली बधाइयाँ स्वीकार करें ।
अच्छे अश’आर हुए हैं जयनित साहब, दाद कुबूलें
बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है जयनित जी सभी अशआर बढ़िया हुए हैं दिल से बधाई लीजिये .जिस पर शिज्जू भैया ने न्यायसंगत इशारा दिया है उस को आप इस तरह कर सकते हैं आपके भाव व् शब्द बरकरार रहेंगे ---- बढ़ रही दौलत कि ख्वाहिश दोस्तों /ख्वाहिशें दौलत की ऊँची/कितनी दोस्तों
इस तरह थोड़े से शब्दों के फेर से आपकी बह्र सही रहेगी और भाव वही रहेंगे .
आदरणीय जयनित जी ग़जल के कथ्य के लिये बधाई स्वीकार करें । साथ ही शिज्जू जी आपकी इजाफत पर उस्तादाना नज़र के लिये आभार इससे हमारे भी प्रयास को दिशा मिलेगी ।
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