For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अतुकांत कविता : श्रद्धांजलि (गणेश जी बागी)

श्रद्धांजलि
राज पथ पर अवस्थित
शहीद चौक ..
लोगो का हुजूम
मिडिया वालों का आवागमन
चकमक करते कैमरे
चमकते-दमकते चेहरे
फोटो खिंचाने की होड़
हाथों में मोमबत्तियाँ
नहीं-नहीं, कैंडल....
साथ में लकदक पोस्टर, बैनर
जिनपर अंकित था -
'शहीदों को
अश्रुपूरित श्रद्धांजलि' !!

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 1041

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 12, 2016 at 10:12pm

मीडिया को साथ लिए बिना तो यहाँ कुछ नही होता नाम भी तो होना चाहिए कि फलां पार्टी ने श्रद्धान्जलि जी फलां पार्टी का जुलूस निकला टीवी में भी तो आना चाहिए ..वाह्ह्ह्हह  नपे तुले शब्दों में क्या कटाक्ष किया है बहुत बढिया प्रस्तुति आद० गणेश बागी जी हार्दिक बधाई \रचना पर देर से पँहुचने का खेद है |

Comment by Ravi Shukla on October 6, 2016 at 5:50pm

आदरणीय गण्‍ोश जी बिल्‍कुल नपी तुुली संयत प्रतिक्रिया, शानदार तंज के लिये बधाई ।  बहुत खुब 

नहीं नहीं कैंडल  इन  तीन शब्‍दों ने ही बहुत कुछ कह दिया वाह 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 27, 2016 at 8:54am
आदरणीय श्री गणेश जी बागी यथार्थ को दर्शाती सुन्दर व्यंग्य रचना पर हार्दिक बधाई प्रेषित है । सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 26, 2016 at 4:16pm

सामयिक विषय पर अच्छी तंजिया रचना हुई है आ. गणेश जी बागी जी बहुत बहुत बधाई आपको


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 25, 2016 at 8:03pm

आदरणीय समर साहब प्रणाम, आपका आशीर्वाद किसी भी रचना को सार्थकता प्रदान करता है, दिल से आभार व्यक्त करता हूँ आदरणीय. 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 25, 2016 at 8:01pm

आदरणीय शेख उस्मानी जी, इस प्रोत्साहन करती टिप्पणी हेतु दिल से आभार व्यक्त करता हूँ.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 25, 2016 at 8:00pm

आदरणीय डॉ विजय साहब प्रणाम, इस कविता को आपका आशीर्वाद प्राप्त हुआ, मन मुग्ध है, आपका बहुत बहुत आभार.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 25, 2016 at 7:00pm

आहा----- आ० बागी जी  इस छोटी सी रचना में गजब का व्यंग है जो व्यवस्था के पाखण्ड का पर्दाफ़ाश करता है , बधाई आदरणीय .

Comment by Samar kabeer on September 25, 2016 at 3:36pm
जनाब गणेश जी 'बागी'जी आदाब,बहतरीन तंज़ के साथ सत्य को उजागर करती इस शानदार कविता के लिये दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on September 25, 2016 at 1:02pm
मात्र जश्न-ए-तकनीकी! मानव-मशीनें यंत्रों से युक्त , कर्तव्य-मुक्त! बेहतरीन कटाक्ष पूर्ण रचना।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service