For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हमने तुम्हारे वास्ते क्या क्या नहीं किया - सलीम रज़ा

221 2121 1221 212 

हमने तुम्हारे वास्ते क्या क्या नहीं किया
अफ़सोस तुमने हमपे भरोसा नहीं किया

oo
आया है जब से नाम तुम्‍हारा ज़बान पर 
होटों ने फिर किसी का भी चर्चा नहीं किया
oo
ज़ुल्मों सितम ज़माने के हंस हंस के सह लिए
लेकिन कभी ईमान का सौदा नहीं किया 
oo
अमनो अमां से हमने गुज़ारी है ज़िंदगी 
मज़हब के नाम पर कभी झगड़ा नहीं किया
oo
उम्मीद उस बशर से करें क्या वफ़ा की हम
जिसने किसी के साथ भी अच्छा नहीं किया
oo
मुझको मिला फ़रेब ‘रज़ा’ इश्क़ में मगर  
मैंने किसी के साथ भी धोका नहीं किया

_________________________

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 831

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 11, 2018 at 9:57pm

बहुत खूब

Comment by amod shrivastav (bindouri) on February 9, 2018 at 6:30pm

खूबसूरत वाहःहः 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on February 9, 2018 at 6:03pm

इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय सलीम जी..

Comment by SALIM RAZA REWA on February 9, 2018 at 8:34am
सोमेश जी,
आपकी महब्बत के लिए शुक्रिया
Comment by somesh kumar on February 8, 2018 at 9:57am

जब से जुड़ा है नाम तेरा मेरे नाम से 

होटों ने फिर किसी का भी चर्चा नहीं किया

बहुत खूब भाई साहब 

Comment by SALIM RAZA REWA on February 7, 2018 at 3:11pm
भाई नादिर साहिब,
आपकी महब्बत के लिए शुक्रिया...
होंठ ग़लत लफ्ज़ है. सही लफ्ज़ होंट ही है...
Comment by SALIM RAZA REWA on February 7, 2018 at 3:09pm
आदरणीय तेजवीर सिंह जी,
आपकी ग़ज़ल पर शिर्कत के लिए शुक्रिया
Comment by SALIM RAZA REWA on February 7, 2018 at 3:08pm
जनाब तस्दीक साहिब,
आपकी ग़ज़ल पर शिर्कत और मशविरे के लिए शुक्रिया.. आपके मशविरे के मुताबिक़ तब्दीली कर दी जाएगी..
Comment by SALIM RAZA REWA on February 7, 2018 at 3:07pm
जनाब आरिफ साहब,
आपकी महब्बत के लिए शुक्रिया.
Comment by नादिर ख़ान on February 7, 2018 at 12:06pm

जनाब रज़ा साहब गजल की अच्छी कोशिश हुयी है तसदीक साहब ने उचित सुझाओ दिये है होंटो की जगह होठों कर लें .....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
Sunday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service