For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये भारत देश हमार है

शस्य  श्यामला  धरती  अपनी   

भाल    हिमालय  मुकुट  श्रंगार  है 

झर  झर  झरते  झरने  मही  पर

कल  कल  बहती  नदियों  की  बहार  है 

ये   भारत  देश  हमार   है 

 

कई  सम्प्रदायों  से  बसी   ये  धरती

 पर  करते  आपस  में   प्यार  है 

भाषा  बदले  भूषा  बदले  

आपस  में  न  कोई  तकरार  है 

ये  भारत  देश  हमार  है 

मानव  धर्म  सबसे  हसीं 

इंसानियत  का   व्यवहार  है 

होली  हो  या  ईद  दीवाली  

पर्व  दशहरा  सबका  ये  त्यौहार  है 

ये  भारत  देश  हमार  है 

 

 

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 30, 2012 at 9:38am

aadarniya seema gi, sadar abhivadan. 

hamara desh hi kuch aesa hai. aaoka sneh prapt hua abhar.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 22, 2012 at 5:46pm

snehi mahima ji. main sampurn bharat dekhta hoon. log rajyon ki baat karte hain. vande matram.

Comment by MAHIMA SHREE on March 22, 2012 at 11:03am
झर झर झरते झरने मही पर
कल कल बहती नदियों की बहार है
आदरणीय सर
सादर प्रणाम
बहुत सुंदर ....आप का एक बाद एक रचनावो की बोछार ....आ रही है....हम सबको प्यारी मातृभूमि के बोछार में भिगोने के लिए सादर धन्यवाद्.. और
.... बहुत-२ मेरी हार्दिक बधाई.... वन्देमातरम...
ये भारत देश हमार है .....
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:45pm

snehi anand ji, shubhashish. vande matram.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:23pm

aadarniya saurabh mahoday ji. aapke hastakshar prapt hue. safal hua. samarthan ke liye abhar. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:20pm

aadarniya mahodaya , saadar abhivadan, lalkar lalkaar kise lalkar . janta ka haal to dekh liya. aapke sath ham hamesha hain taiyar. aapka abhar. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:16pm

snehi minu ji. shubhashish. sarahna ke liye dhanyvaad.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 10:15pm

aadarniya ashvani. ji. vande matram. dhanyvad.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 9:52pm

snehi santosh ji, sadar.  vande matram. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 21, 2012 at 9:51pm

snehi vahid, ji, aapne saraha. safal hua. dhanyvad.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
8 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service