For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


212 212 212 212

संग सुख-दुख सहेंगे ये वादा रहा।
साथ हर वक्त देंगे ये वादा रहा।

चाँदनी रात में ओढ़ कर चाँदनी
तुम जो चाहो, जगेंगे ये वादा रहा।

हाथ सर पर दुआओं का बस चाहिए
हम भी ऊँचा उढ़ेंगे ये वादा रहा।

राह काँटो भरी ये पता है हमें
हौसलों पर बढ़ेंगे ये वादा रहा।

दीप बाती से हम, जब भी मिल कर जले
हर अँधेरा हरेंगे ये वादा रहा।

देह के पार जो चेतना द्वार है
हम वहाँ पर मिलेंगे ये वादा रहा।

अपने जीवन की हम आख़िरी साँस तक
बस तुम्हारे रहेंगे ये वादा रहा।

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 429

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 17, 2016 at 11:55am

आ0 प्राची बहन पिछली गजल की तरह ही यह गजल भी बेहतरीन हुई है हार्दिक बधाई ।

Comment by नादिर ख़ान on February 16, 2016 at 4:08pm

चाँदनी रात में ओढ़ कर चाँदनी
तुम जो चाहो, जगेंगे ये वादा रहा।

हाथ सर पर दुआओं का बस चाहिए
हम भी ऊँचा उढ़ेंगे ये वादा रहा।

राह काँटो भरी ये पता है हमें
हौसलों पर बढ़ेंगे ये वादा रहा।

खूबसूरत मखमली ख़याल लिए, उम्दा ग़ज़ल हुयी है बहुत बधाई आदरणीया प्राची जी ।
मै भी कंफ्यूज हो रहा हूँ, उढ़ेंगे या उठेंगे। ....या आप उड़ेंगे कहना चाह रही है । मार्गदर्शन चाहता हूँ, अपनी  जानकारी के लिए |

Comment by amod shrivastav (bindouri) on February 15, 2016 at 3:44pm
बढ़िया दीदी सादर बधाई
Comment by Rahila on February 14, 2016 at 2:57pm
आदरणीया प्राची दी! शानदार ग़ज़ल,हर शेर खूब भाया ।बहुत बधाई आपको । सादर
Comment by TEJ VEER SINGH on February 14, 2016 at 1:37pm

हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ प्राची सिंह जी!बेहतरीन गज़ल! 

दीप बाती से हम, जब भी मिल कर जले
हर अँधेरा हरेंगे ये वादा रहा।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
7 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service